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Hindenburg effect: रिजर्व बैंक ने बैंकों से मांगा अदाणी को जनवरी तक के कर्ज का ब्योरा

Last Updated- February 02, 2023 | 10:48 PM IST
RBI

अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट देखकर हरकत में आए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वाणिज्यिक बैंकों से पूछा है कि उन्होंने अदाणी समूह को कितना कर्ज दिया है।
अमेरिका की हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट में अदाणी समूह पर शेयर भाव में हेरफेर और खातों में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया था, जिससे समूह के शेयर टूट रहे हैं।
बैंकरों ने बताया कि बैंकिंग नियामक ने सभी वाणिज्यिक बैंकों से अदाणी समूह को 31 जनवरी तक दिए गए कर्ज और समूह पर बकाया कर्ज का ब्योरा मांगा है। एक बड़े बैंक के अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, ‘हमने कल ही पूरा ब्योरा दे दिया है।’ पिछले हफ्ते रेटिंग एजेंसियों ने भी वाणिज्यिक बैंकों से यही पूछा था।
अनाम सूत्रों के हवाले से ब्लूमबर्ग ने कहा है कि देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के करीब 2.6 अरब डॉलर या 21,000 करोड़ रुपये अदाणी समूह में लगे हैं, जिनमें 20 करोड़ डॉलर का कर्ज बैंक की विदेशी शाखाओं ने दिया है।
एसबीआई ने पहले कहा था कि अदाणी समूह में उसका कर्ज आरबीआई के बड़े निवेश की सीमा से काफी कम है। पंजाब नैशनल बैंक के 7,000 करोड़ रुपये समूह पर उधार हैं।
कल रात अदाणी समूह ने 20,000 करोड़ रुपये का अपना एफपीओ वापस लेने की घोषणा की थी। अदाणी एंटरप्राइजेज का यह निर्गम सफल रहा था और उसे पूर्ण आवेदन प्राप्त हुए थे। फिर भी शेयरों में लगातार गिरावट से अदाणी समूह का बाजार पूंजीकरण घट रहा है और आज इसमें 100 अरब डॉलर की कमी आ गई।
ब्रोकिंग फर्म सीएलएसए की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2022 में अदाणी समूह की शीर्ष पांच कंपनियों – अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी पोर्ट्स, अदाणी पावर, अदाणी ग्रीन और अदाणी ट्रांसमिशन पर कुल 2.1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था और अंतर-समूह उधारी को अलग कर दें तो यह 1.9 लाख करोड़ रुपये रहता है।
सीएलएसए ने नोट में कहा है, ‘बैंकों का कर्ज (टर्म लोन, कार्यशील पूंजी, अन्य सुविधाएं) कुल कर्ज का केवल 38 फीसदी है। हमारे हिसाब से वित्त वर्ष 2022 में कुल 2,000 अरब रुपये के कर्ज में से 700 से 800 अरब रुपये तो बैंकों का कर्ज ही था।’
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने एक्सचेंजों को बताया कि दिसंबर 2022 तक परिसंपत्तियों को दिए गए कर्ज का कुल बकाया केवल 0.06 फीसदी और 31 दिसंबर, 2022 तक कार्यशील पूंजी ऋण में से केवल 0.51 फीसदी बकाया था। इनमें से 0.38 फीसदी जमानत वाले ऋण हैं, जो अगले 2 से 5 महीने में परिपक्व होंगे।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने कहा कि अदाणी समूह की विदेशी इकाइयों को या अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों के एवज में कोई कर्ज नहीं दिया गया है और उसे हर तिमाही पर किस्त मिल रही है। निजी क्षेत्र के इंडसइंड बैंक ने संकेत दिया कि समूह पर उसका कुल बकाया लोन बुक का केवल 0.49 फीसदी है। मगर बैंक ने अदाणी का नाम नहीं लिया।
इंडसइंड बैंक ने एक्सचेंज को बताया, ‘हमने एक कारोबारी समूह को दिए गए कर्ज के बारे में अफवाहें सुनी हैं। हम इस समूह में बैंक के कर्ज के बारे में स्पष्ट करना चाहते हैं।’ इंडसइंड बैंक का लोन बुक 31 दिसंबर तक 2.73 लाख करोड़ रुपये था।

First Published - February 2, 2023 | 10:48 PM IST

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