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आईबीए ने मनी लांड्रिंग को रोकने के लिए कमर कसी

Last Updated- December 07, 2022 | 10:49 PM IST

भारतीय बैंक एसोसिएशन (आईबीए)ने ग्राहक सत्यापन प्रणाली, परिचालनों में अनियमितता और अपराध की घटनाओं को कम करने के लिए 10 बैंकों से साझेदारी की है।


इसके लिए आईबीए ने आईसीसीआईसीआई बैंक के वरिष्ठ महाप्रबंधक संजय चौगुले केनेतृत्व में एक कार्यसमिति का गठन किया है जोकि नाऊ योर कस्टमर(केवाईसी)और एंटी-मनी लांडरिंग ऑपरेशन(एएमएल)पर फि र से नियमावाली तैयार करेगी।

इस कार्यसमिति के  एक सदस्य ने कहा कि केवाई के कुछ नियमों जैसे स्थाई खाता क्रमांक (पीएएन)के प्रस्ताव में कमी करने का कोई पस्ताव नहीं है। एक सूत्र ने कहा कि परिचालन और इससे जुड़े रिकॉर्ड को डेटाबेस तैयार करके और ज्यादा स्वचलित तरीके से परिचालन और इससे जुड़ी सूचनाओं पर नजर रखने पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार इसके लिए एक सॉफ्टवेयर की व्यवस्था की जाएगी जोकि संदेहास्पद परिचालनों का पता लगा सकेगा। उल्लेखनीय है कि हाल के महीनों में भारतीय रिजर्व बैंक ने केवाईसी और एएमएल के कार्यान्वयन के बाद वायर स्थानांतरण, परिचालन जांच और सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल पर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

इस बाबत स्थापित नई कार्यसमिति नियामावली में कुछ परिवर्तन लाने के साथ ही ऐसे रोडमैप पर काम कर रहा है जिससे कि बैंकों को उन्हें और अधिक बेहतर तरीके से लागू किए जाने में सुविधा होगी। । इस दिशा में भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और एचएसबीसी ने इस दिशा में काम करने के लिए आपस में सहयोग का रास्ता अपनाया है।

गौरतलब है कि केवाईसी और एएमएल पर ध्यान केन्द्रित करने का लक्ष्य सरकार के विश्व के40 देशों द्वारा मनी लांडरिंग के खिलाफ गठित फाइनेंशियल एक्शन  टास्क फोर्स (एफएटीएफ)टाक्स फोर्स में अपनी भागीदारी तय करनी है।

पेच भरने की कवायद

लेनदेन की मॉनिटरिंग पर ध्यान। रिकार्ड का डाटाबेस तैयार करके ऑटोमेटेड तरीके से रखा जाएगा।
बैंक ऐसे सॉफ्टवेयर के निर्माण में लगी जो संदेहास्पद लेनदेन के प्रति सतर्क करेगा।

First Published - October 6, 2008 | 11:08 PM IST

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