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गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों (NBFC) का उपभोक्ता ऋण वित्त वर्ष 2024 के 22 लाख करोड़ रुपये से घटकर वित्त वर्ष 2025 में 19 से 20.5 लाख करोड़ रुपये तक रहने की उम्मीद है।

Last Updated- April 10, 2024 | 10:09 PM IST
Government banks are eyeing new markets to increase deposits, many attractive schemes are being made for opening accounts जमा बढ़ाने के लिए सरकारी बैंकों की नए बाजारों पर नजर, खाते खोलने के लिए बना रहे कई आकर्षक योजना

रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बुधवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारतीय बैंकों के लिए अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक से स्थिर श्रेणी में डाल दिया है। एजेंसी ने कहा कि उसका अनुमान है कि बैंकों की कर्ज वृद्धि और लाभप्रदता में कमी आ सकती है। हालांकि, क्षेत्र की समग्र स्थिति बेहतर रहने की उम्मीद है।

इक्रा के उपाध्यक्ष और सेक्टर हेड सचिन सचदेवा ने कहा कि जमा जुटाने और नियामक उपायों की परेशानियों से उपभोक्ता ऋण में वृद्धि धीमी हो सकती है। गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों (NBFC) का उपभोक्ता ऋण वित्त वर्ष 2024 के 22 लाख करोड़ रुपये से घटकर वित्त वर्ष 2025 में 19 से 20.5 लाख करोड़ रुपये तक रहने की उम्मीद है।

वित्त वर्ष 2024 में ऋण विस्तार अब तक का सर्वाधिक था। इक्रा ने कहा कि एक साल पहले के मुकाबले वित्त वर्ष 2025 में वृद्धि 16.3 फीसदी से कम होकर 11.7 से 12.5 फीसदी रहने की संभावना है। पिछले 18 महीनों में बैंकिंग क्षेत्र के ब्याज मार्जिन में कमी बढ़ती जमा लागत के कारण है और वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में दरों में कटौती की उम्मीद से मार्जिन पर दबाव पड़ सकता है।

मार्जिन पर दबाव के बावजूद ऋण बही में वृद्धि स्थिर परिचालन लाभ में तब्दील होने की उम्मीद है, जिससे ऋण लागत से सहायता मिलेगी।

इक्रा ने कहा कि ऋण खाता बढ़ने से अच्छी आय होने की उम्मीद है जो अधिकतर बैंकों के लिए उनकी नियामक और विकास पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगी।

22 मार्च, 2024 तक HDFC और HDFC Bank के विलय को छोड़कर बैंकों के लिए कर्ज जमा अनुपात (सीडी अनुपात) बढ़कर 78 फीसदी होने का अनुमान है। यह अनुपात 21 दिसंबर, 2018 के 77.9 फीसदी से सर्वाधिक है और पिछले साल 24 मार्च के 75.7 फीसदी से अधिक है।

First Published - April 10, 2024 | 9:54 PM IST

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