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11,000 करोड़ रुपये के क्यूआईपी के लिए तैयार आईडीबीआई बैंक

Last Updated- December 15, 2022 | 1:34 AM IST

आईडीबीआई बैंक नवंबर में बड़ी रकम जुटाने के लिए तैयार हो रहा है। 11,000 करोड़ रुपये का क्यूआईपी पिछले पांच साल में बैंक की तरफ से जुटाई जाने वाली पहली रकम होगी और साल 2018 में भारतीय जीवन बीमा निगम के दायरे में आने के बाद यह पहली ऐसी कवायद होगी। छह निवेश बैंको आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, ऐक्सिस कैपिटल, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स, आईआईएफएल सिक्योरिटीज, क्रेडिट सुइस और आईडीबीआई कैपिटल मार्केट्स को इस क्यूआईपी के प्रबंधन के लिए नियुक्त किया गया है।
आईडीबीआई बैंक के शेयरधारकों ने 15 जुलाई, 2020 को क्यूआईपी की मंजूरी दे दी। यह क्यूआईपी बैंक की तरफ से सितंबर तिमाही के नतीजे पेश करने के कुछ हफ्तोंं के भीतर पेश हो सकता है। बैंक सितंबर तिमाही के नतीजे अक्टूबर में घोषित कर सकता है।
एक बैंकर ने कहा, हम निवेशकों के पास पहुंचने के मामले में शुरुआती चरण में हैं। अभी तक की प्रतिक्रिया सही रही है, खास तौर से देसी संस्थागत निवेशकों की तरफ से। माना जा रहा है कि रकम जुटाने की इस योजना में अधिकतम दिलचस्पी देसी निवेशकों की तरफ से ही मिल सकती है। सूत्रों ने कहा कि विदेशी पेंशन फंड और सॉवरिन वेल्थ फंड से बैंकरों ने संपर्क साधा था और उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दे दी है कि वे तरजीही इक्विटी इश्यू में भाग लेना चाहेंगे, जो उन्हेें कीमत व हिस्सेदारी के अधिग्रहण में ज्यादा लचीला रुख उपलब्ध कराते है
एलआईसी की भागीदारी के मामले में समझा जाता है कि देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी क्यूआईपी में शायद हिस्सा नहीं लेगी। अभी इस बीमा कंपनी के पास बैंक की 51 फीसदी हिस्सेदारी है। क्यूआईपी में भागीदारी से एलआीसी की हिस्सेदारी पर फर्क पड़ सकता है।इस बारे मेंं जानकारी के लिए एलआईसी को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला।
पिछले हफ्ते बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए साक्षात्कार में एलआईसी के चेयरमैन एमआर कुमार ने इस सवाल पर कि क्या एलआईसी आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी, उन्होंने कहा था कि इस समय यह संभव नहीं है कि वह इस बारे में समयसीमा बताए। साथ ही यह भी नहीं बताया जा सकता कि कोविड के मौजूदा परिदृश्य में एलआईसी के लिए हिस्सा घटाने के लिहाज से बाजार कब अनुकूल होगा।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने हालांकि कहा कि इसे बैंक में हिस्सेदारी घटाने की एलआईसी की योजना के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। एक वरिष्ठ बैंकर ने कहा, एलआईसी ने प्रतिबद्धता जताई है कि वह अगले दो साल तक अपनी हिस्सेदारी 51 फीसदी बरकरार रखेगी। जब भी बैंक तरजीही इश्यू जारी करेगा, एलआईसी उसमें हिस्सा लेगी।आईडीबीआई बैंक में एलआईसी की शेयरधारिता उस बैंक की रेटिंग को सहारा देने के लिए अहम है।
आईडीबीआई बैंक ने लगातार दो तिमाही मार्च व जून में मुनाफा अर्जित किया है और यह क्रमश: 135 करोड़ रुपये और 144 करोड़ रुपये रहा है। इस तरह से बैंक दिसंबर 2015 में लागू परिसंपत्ति गुणवत्ता समीक्षा के बाद हरे निशान में लौट पाया। फरवरी में बैंक ने त्वरित उपचारात्मक ढांचे से बाहर निकलने के आवेदन किया, जिसे आरबीआई ने मई 2017 में लगाया था। इस मामले पर नियामक का फैसला लंबित है।

First Published - September 22, 2020 | 12:28 AM IST

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