निजी क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक का शुद्ध लाभ मार्च 2021 में समाप्त चौथी तिमाही में 278 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 512 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। शुद्ध ब्याज आय में मजबूत बढ़त के दम पर बैंक का मुनाफा बढ़ा। पिछले साल की समान अवधि में बैंक ने 135 करोड़ रुपये का मुनाफा अर्जित किया था। क्रमिक आधार पर बैंक का शुद्ध लाभ 35 फीसदी बढ़ा क्योंकि दिसंबर तिमाही में बैंक का शुद्ध लाभ 378 करोड़ रुपये रहा था। वित्त वर्ष 21 में बैंक का शुद्ध लाभ 13,459 करोड़ रुपये रहा जबकि वित्त वर्ष 2020 में उसने 12,887 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान दर्ज किया था। बीएसई पर बैंक का शेयर 2.55 फीसदी की बढ़त के साथ 36.20 रुपये पर बंद हुआ।
बैंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी एवं कार्यकारी निदेशक अजय शर्मा ने कहा कि बैंक को 1998-2001 की अवधि के मामलों के लिए वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में 2,305 करेाड़ रुपये से अधिक प्राप्त हुए। इसमें 1,308 करोड़ रुपये का ब्याज शामिल है जिसका इस्तेमाल कोविड की दूसरी लहर के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान करने और स्ट्रेस्ड ऐसेट्स स्टैबिलाइजेशन फंड के तहत ऋण के लिए 800 करोड़ रुपये के प्रावधान में किया गया है।
बैंंक का शुद्ध ब्याज आय इस अवधि में 38 फीसदी सुधरकर 3,240 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 2,356 करोड़ रुपये रही थी। क्रमिक आधार पर शुद्ध ब्याज आय तीसरी तिमाही के 1,810 करोड़ रुपये के मुकाबले 79 फीसदी ज्यादा है। हालांकि बैंक की अन्य आय 11 फीसदी घटकर 1,182 करोड़ रुपये रह गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 1,326 करोड़ रुपये रही थी। क्रमिक आधार पर भी यह 14 फीसदी कम है क्योंकि तीसरी तिमाही में यह 1,368 करोड़ रुपये रही थी।
बैंंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता मार्च तिमाही में सुधरी। बैंक का सकल एनपीए सुधरकर मार्च 2021 में 22.37 फीसदी रहा। क्रमिक आधार पर भी यह घटा क्योंकि दिसंबर तिमाही मेंं यह 24.33 फीसदी रहा था। बैंक का शुद्ध एनपीए मार्च में घटकर 1.97 फीसदी रह गया, जो मार्च 2020 में 4.19 फीसदी रहा था। दिसंबर 2020 में शुद्ध एनपीए 2.75 फीसदी रहा था। फंसे कर्ज के लिए प्रावधान कवरेज अनुपात मार्च 2021 में 96.90 फीसदी पर पहुंच गया, जो एक साल पहले 93.74 फीसदी रहा था। क्रमिक आधार पर भी यह सुधरा क्योंंकि दिसंबर तिमाही में यह 95.90 फीसदी रहा था।
बैंक की जमाएं वित्त वर्ष 21 में चार फीसदी बढ़कर 2.3 लाख करोड़ रुपये रही। त्वरित उपचारात्मक कार्रवाई में रहे बैंक की उधारी मार्च 2021 में मामूली घटकर 1.28 लाख करोड़ रुपये रह गई, जो एक साल पहले 1.29 लाख करोड़ रुपये रही थी। बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात मार्च 2021 में 15.59 फीसदी रहा, जो मार्च 2020 में 13.31 फीसदी रहा था और दिसंबर 2020 में 14.77 फीसदी।