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राज्यों के वित्त में हुआ सुधार

Last Updated- December 11, 2022 | 6:38 PM IST

वर्ष 2021-22 में राज्य के वित्त की स्थिति में सुधार दिखा, क्योंकि 26 राज्यों का समेकित सकल राजकोषीय घाटा (जीएफडी) एक साल पहले की तुलना में 31.5 प्रतिशत कम रहा है।
वित्त वर्ष 22 के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार जीएफडी में मुख्य रूप से राजस्व प्राप्तियों (वित्त वर्ष 22 में 30.5 प्रतिशत) में अधिक वृद्धि के कारण गिरावट आई है, जबकि वर्ष 2020-21 में 8.6 प्रतिशत का संकुचन था। यह अप्रैल-फरवरी 2021-22 के लिए इन राज्यों के पास उपलब्ध जानकारी पर आधारित है।
केंद्र द्वारा 3 नवंबर, 2021 को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी के कदम के बाद अधिकांश राज्यों ने अपना मूल्य संवर्धित कर (वैट) प्रति लीटर पेट्रोल पर 1.8 रुपये से लेकर 10.0 रुपये और प्रति लीटर डीजल पर दो रुपये से सात रुपये तक घटा दिया। यह राजस्व हानि जीएसटी मुआवजे के बदले में केंद्रीय हस्तांतरण द्वारा की जाने वाली भरपाई से अधिक थी।
केंद्र ने राज्यों को एक के बाद एक ऋण के रूप में वर्ष 2021-22 में 1.59 लाख करोड़ रुपये जारी किए। इन ऋणों के अलावा केंद्र ने 60,000 करोड़ रुपये का जीएसटी मुआवजा भी जारी किया है।
कर हस्तांतरण की नियमित किस्त के अलावा केंद्र ने नवंबर 2021 और जनवरी 2022 में कर हस्तांतरण की दो अग्रिम किस्तें भी जारी कीं।
वैश्विक महामारी की दूसरी लहर और संबंधित राज्यों के प्रतिबंधों के बावजूद, पूंजी व्यय मजबूत बना रहा।    

First Published - May 28, 2022 | 12:21 AM IST

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