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बुनियादी ढांचा क्षेत्र को बढ़ा कर्ज

Last Updated- December 11, 2022 | 3:45 PM IST

आर्थिक गतिविधियों में तेजी के बीच बैंकों द्वारा बुनियादी ढांचा क्षेत्र को मिलने वाला कर्ज जुलाई में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 11.1 प्रतिशत बढ़ा है। यह धारणा सतत नजर आती है, वहीं कर्जदाताओं और निवेशकों को उम्मीद है कि इसमें धीरे धीरे बढ़ोतरी होगी, जो नीतिगत स्थिरता और मांग पर निर्भर होगी।
सरकार के नए वित्तीय संस्थान नैशनल बैंक फॉर फाइनैंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर ऐंड डेवलपमेंट (एनएबीएफआईडी) के प्रबंध निदेशक राजकिरण राय जी को उम्मीद है कि इस साल के अंत तक कामकाज शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बैंक स्वीकृत कर्ज पर विचार कर रहे हैं और उसे जारी करने का काम शुरू हो गया है और उम्मीद है कि इसमें निरंतरता बनी रहेगी। सामान्यतया बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए एक से दो साल में पूरा धन जारी होता है।
राय ने कहा कि अगर आर्थिक गतिविधियों को देखें तो यह साफ है कि बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ रहा है, यह कर्ज जारी किए जाने के आंकड़ों और सड़क निर्माण गतिविधियों में दिख रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक बुनियादी ढांचा के विभिन्न सेग्मेंट में ऋण में पिछले साल की तुलना में जुलाई में 11.1 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। जुलाई 2022 में 12.14 लाख करोड़ रुपये ऋण दिया गया है, जबकि एक साल पहले 10.92 लाख करोड़ रुपये ऋण दिया गया था। पहले के 12 महीनों में उधारी स्थिर रही, क्योंकि इस अवधि में कोविड-19 महामारी के कारण कारोबार में व्यवधान आया था।
क्रिसिल की निदेशक हेतल गांधी ने कहा, ‘इस मजबूत वृद्धि में एक धारणा और बढ़ जाती है। केंद्र सरकार का अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान पिछले साल की समान अवधि की तुलना में बुनियादी ढांचे पर खर्च 62 प्रतिशत बढ़ा है।’ 
सावधानी बरतने की वकालत करते हुए उद्विक इन्फ्रास्ट्रक्चर एडवाइजर्स के मैनेजिंग पार्टनर सुनीत के माहेश्वरी बुनियादी ढांचे का वित्तपोषण बढ़ेगा, लेकिन बड़ी बढ़ोतरी नहीं होगी। दबाव वाली संपत्तियों जैसे बिजली क्षेत्र में दिवाला प्रक्रिया के माध्यम से नए कारोबारी आएंगे साथ ही पुरानी परियोजनाओं के विस्तार से भी नई क्षमता बढ़ेगी।
आगे हैं चुनौतियां सभी क्षेत्रों में भारी निवेश प्रस्तावित है, इसलिए माहौल उत्साहजनक है। इस धारणा को मजबूत करने के लिए बैंकर भुगतान  बेहतरी की उम्मीद कर रहे हैं, खासकर बिजली क्षेत्र के बकाये के मामले में। बहरहाल बिजली खरीद की व्यवस्था होने के बावजूद बिजली परियोजनाओं को जोखिम है। आईडीबीआई बैंक के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर सैम्यूल  जोसेफ जेबराज ने कहा कि बिजली उपभोग करने वाली इकाइयों की ओर से समय पर भुगतान नहीं हो रहा है।
 

First Published - September 9, 2022 | 10:45 PM IST

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