सिटी बैंक के भारतीय कारोबार की परिसंपत्ति खरीदने के लिए देश के बाकी बैंकों में होड़ लग सकती है। विश्लेषकों का मानना है कि तकरीबन हर भारतीय बैंक इसके लिए प्रयास करेगा। परंतु यह प्रक्रिया जल्दबाजी मेंं पूरी नहीं होगी और इसे पूरा होने में एक वर्ष से अधिक वक्त लग सकता है। फिलहाल गतिविधियां पहले जैसी ही चलेंगी और लोग चाहें तो अभी भी सिटी बैंक में खाता खोल सकते हैं और अहर्ता होने पर क्रेडिट कार्ड भी पा सकते हैं।
सिटी इंडिया के सीईओ आशु खुल्लर ने ईमेल के जरिए एक वक्तव्य में कहा, ‘हमारे कामकाज में तत्काल कोई तब्दीली नहीं आ रही है न ही हमारे सहकर्मी इस घोषणा से तत्काल प्रभावित होने वाले हैं। इस बीच हम अपने ग्राहकों को पूरी शिद्दत और समर्पण से पहले की तरह सेवा देना जारी रखेंगे।’
सिटी बैंक के कार्ड कारोबार को खरीदने की दृष्टि से सबसे आकर्षक माना जा रहा है। गत 16 अप्रैल को जारी एक नोट में वित्तीय सेवा कंपनी जेफरीज के प्रखर शर्मा, परमेश्वरन सुब्रमण्यन और भास्कर बसु ने लिखा, ‘भारत के खुदरा क्षेत्र में सिटी बैंक ने क्रेडिट कार्ड कारोबार में मजबूत उपस्थिति दर्ज की है और कुल खर्च में उसकी हिस्सेदारी 6 फीसदी है। आवास ऋण में कुल खुदरा में उसकी हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है जबकि जमा बचत में 1.5 फीसदी हिस्सेदारी के साथ वह काफी अच्छी स्थिति में है।’
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार सिटी कार्ड ने 26.4 लाख क्रेडिट कार्ड और 16.6 लाख डेबिट कार्ड जारी किए हैं और फरवरी 2021 के अंत तक वह देश में क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंकों में छठे नंबर पर था। आंकड़ों के मुताबिक सिटी बैंक के हर क्रेडिट कार्ड से औसतन 11,630 रुपये व्यय किए जाते हैं। जबकि सिटी बैंक समेत देश के समस्त क्रेडिट कार्ड का औसत व्यय 9,790 रुपये है। सिटी बैंक को हटा देने पर यह 9,708 रुपये रह जाता है। जाहिर है सिटी बैंक का औसत शेष बैंकों से 20 फीसदी अधिक है।
विश्लेषकों के अनुसार इससे यही पता चलता है कि सिटी बैंक के कार्ड धारकों की व्यय करने की क्षमता औरों से अधिक है और यह बात अन्य भारतीय बैंकों को आकर्षित कर सकती है। मूल सिटी बैंक अब चाहता है कि भारत में वह परिसंपत्ति प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करे। इस क्षेत्र में सिटी इंडिया देश में चौथे स्थान पर है।
सिटी बैंक के कारोबार में खुदरा कारोबार कर पूर्व लाभ में 14 फीसदी योगदान करता है। उसकी परिसंपत्ति गुणवत्ता स्थिर रही है और भारत में उसका सकल फंसा कर्ज दिसंबर 2020 तक एक फीसदी था। यह प्रदर्शन प्रतिस्पर्धी बैंकों से बहुत बेहतर है।
सिटी बैंक की खुदरा शाखा में काम कर चुके एक व्यक्ति के मुताबिक सिटी बैंक ने खुदरा कारोबार का विस्तार इसलिए नहीं किया क्योंकि उसका वैश्विक प्रबंधन चाहता था कि बैंक केवल प्रीमियम ग्राहकों पर ध्यान दे।
मैक्वायर की एक रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा बैंक सिटी की विरासत और गुणवत्ता के कारण उसे खरीदना चाहेंगे। सिटी बैंक के प्रीमियम कार्ड और कॉर्पोरेट सैलरी अकाउंट कार्डों के कारण एसबीआई काड्र्स, आईसीआईसीआई बैंक और ऐक्सिस बैंक संभावित खरीदार हो सकते हैं क्योंकि वे अपने प्रीमियम कार्ड बढ़ाना चाहते हैं। वहीं आरबीएल, इंडसइंड बैंक और आईडीएफसी फस्र्ट जैसे छोटे बैंक संभावित खरीदार हैं। विश्लेषकों ने कहा कि सिटी के क्रेडिट कार्ड कारोबार के लिवाल होंगे और इस क्षेत्र को बेहतर मूल्यांकन मिल सकता है।