बजट में क्रिप्टो परिसंपत्तियों के कारोबार से प्राप्त लाभ पर 30 प्रतिशत कराधान की घोषणा से क्रिप्टो कंपनियां राहत महसूस कर रही हैं। उन्हें लगता है कि सरकार धीरे-धीरे ही सही मगर क्रिप्टो परिसंपत्तियों को औपचारिक मान्यता देने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। मगर इन संपत्तियों में रकम लगाने वाले खुदरा निवेशकों को अलग ही चिंता सता रही है। उन्हें लगता है कि ऐसी परिसंपत्तियों के कारोबार से प्राप्त लाभ पर 30 प्रतिशत कर का प्रस्ताव काफी ज्यादा है। इसे देखते हुए वे क्रिप्टो परिसंपत्तियों में निवेश घटाने पर विचार कर रहे हैं।
कई क्रिप्टो निवेशकों एवं कारोबारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इन परिसंपत्तियों की मुख्य विशेषता इसके कारोबार से जुड़ी अनिश्चितता है। उनके अनुसार दूसरी परिसंपत्ति श्रेणियों की तुलना में क्रिप्टो परिसंपत्तियों की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव देखा जाता है। कारोबारियों ने कहा कि कीमतें जब निचले स्तर पर होती हैं तो वे खरीदारी करते हैं और कीमतें उछलने पर उन्हें ऊंचे स्तरों पर बेच देते हैं। क्रिप्टो परिसंपत्तियों में निवेश करने वाले प्राणदीप गोस्वामी कहते हैं, ’30 प्रतिशत कराधान होगा तो निवेशकों को निवेश से कोई फायदा ही नहीं होगा। नुकसान की आशंका तो पहले की तरह ही बनी रहेगी मगर लाभ भी हुआ तो उसका एक मोटा हिस्सा सरकार के पास कर के रूप में चला जाएगा।’
गोस्वामी को लग रहा था कि सरकार बजट में क्रिप्टो परिसंपत्तियों के संबंध में कराधान की घोषणा कर सकती है, इसलिए उन्होंने पिछले सप्ताह अपने कुल निवेश में क्रिप्टो परिसंपत्तियों की हिस्सेदारी घटाकर 20 प्रतिशत से भी कम कर दी थी।
एक अन्य निवेशक चैतन्य तिवारी ने कहा कि कर लगाने के सरकार के कदम से उन्हें खुशी है क्योंकि यह एक तरह से क्रिप्टो परिसंपत्तियों को मान्यता देने जैसा है मगर 30 प्रतिशत कर गले नहीं उतर रहा है। क्रिप्टो पर ऊंचे कर की मार देखते हुए इनमें निवेश करने वाले अब शेयर बाजार की तरफ देख रहे हैं। एक निवेशक ने कहा, ‘कई क्रिप्टो निवेशक 30 प्रतिशत कराधान के प्रस्ताव से खुश नहीं हैं। अब तक हम इनमें कारोबार से प्राप्त मुनाफे पर 15 प्रतिशत लघु अवधि पूंजीगत लाभ कर का भुगतान कर रहे थे। क्रिप्टो से प्राप्त लाभ पर अचानक ऊंचा कर लगाने से निवेशकों का रुझान शेयर बाजार की तरफ अधिक बढ़ेगा।’
विशेषज्ञों के अनुसार क्रिप्टो परिसंपत्तियों में हुए नुकसान की भरपाई के विषय पर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। प्रबंधन सलाहकार कंपनी बीडीओ इंडिया में पार्टनर प्रणय भाटिया कहते हैं, ‘कुछ लोग मान रहे हैं कि क्रिप्टो कारोबार में हुए नुकसान की भरपाई क्रिप्टो में हुए लाभ से की जा सकती है। मगर ऐसे लोग भी हैं जिनका मानना है कि वित्त मंत्री ने बजट भाषण में ऐसे किसी प्रावधान का जिक्र नहीं किया है।’ भाटिया ने कहा कि क्रिप्टो कारोबार से जुड़े लोग कर और नुकसान की भरपाई के विषयों पर सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे। विश्ेषज्ञों का कहना है कि नॉन-फंजिबल टोकन्स (एनएफटी) तैयार करने वाले लोगों के लिए भी कराधान संबंधी मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। एक पक्ष मानता है कि एनएफटी तैयार करने वाले इन पर आने वाली लागत बिक्री से प्राप्त रकम में समायोजित कर सकते हैं। मगर कुछ लोग मानते हैं कि बजट प्रावधान में ऐसी किसी बात का जिक्र नहीं किया गया है।