भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी एम राजेश्वर राव ने बैंकों के बोर्ड के सदस्यों के साथ एक बैठक के दौरान कहा कि बैंकों के बोर्डों को अपने कार्यों के लिए प्रबंधन को जवाबदेह बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर प्रबंधन उम्मीदें पूरी नहीं करता तो उसे बदलना चाहिए।
बैंकों के निदेशकों के एक सम्मेलन में अपने भाषण में राव ने कहा, ‘बोर्डों को वस्तुनिष्ठ तरीके से प्रबंधन के प्रदर्शन का आकलन करना चाहिए। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपनी कार्रवाई के लिए जवाबदेह रहें। अगर प्रबंधन उम्मीदें पूरी नहीं कर रहा है तो बोर्ड को उचित कार्रवाई करनी चाहिए। इसमें प्रबंधन को बदलना शामिल है, जिससे बैंक के संचालन में सुधार और जोखिम प्रबंधन हो सके।’ रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सम्मेलन का आयोजन 22 मई को नई दिल्ली में और निजी क्षेत्र के बैंकों के सम्मेलन का आयोजन किया था।
राव के भाषण की प्रति सोमवार को रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर अपलोड की गई।
राव ने कहा कि बैंकों के बोर्डों को जोखिम प्रबंधन और कॉर्पोरेट गवर्नेंस को लेकर प्रबंधन से उम्मीदों की साफ रूपरेखा तय करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रबंधन को नियमित रूप से जोखिम प्रबंधन की रिपोर्ट करने की जरूरत है। उन्होंने कहा इस रिपोर्टिंग में बैंक के जोखिम लेने की क्षमता, जोखिम की मात्रा और जोखिम कम करने की रणनीतियां शामिल होनी चाहिए।
डिप्टी गवर्नर ने कहा कि बोर्डों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बैंक के वित्तीय प्रबंधन/स्टेटमेंट और जोखिम प्रबंधन की गतिविधियों को लेकर प्रबंधन पारदर्शी रहे, जिससे कि हिस्सेदारों का विश्वास बहाल रहे और निवेशक बैंक से जुड़े विभिन्न जोखिमों का आकलन करने में सक्षम रहें।