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बुक वैल्यू पर बैड बैंक में हस्तांतरित हो एनपीए

Last Updated- December 12, 2022 | 6:47 AM IST

एक संसदीय समिति ने सिफारिश की है कि बैंकों के फंसे ऋणों को प्रस्तावित बैड बैंक में बुक वैल्यू पर हस्तांतरित किया जाना चाहिए क्योंकि ऐसे ऋणों के कर्जदाताओं की बैलेंस शीट में ज्यादा समय तक रहने से उनके मूल्य में और कमी आने के आसार हैं। वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने कहा कि सार्वजनिक और निजी बैंकों के स्वामित्व वाला बैड बैंक समेकित फैसले से खरीदे गए ऋणों के समाधान में समय बचाने और देरी को टालने में मददगार साबित होगा। केंद्रीय बजट 2021-22 में बैंकों की अगुुआई में परिसंपत्ति पुनर्गठन एवं परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया है, जो मौजूदा फंसे ऋणों को अधिग्रहीत और समेकित करेगी। परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी- परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी के तहत परिसंपत्तियों का प्रबंधन एवं बिक्री वैकल्पिक निवेश फंडों को होगी।
समिति ने संसद के दोनों सदनों में पेश की गई रिपोर्ट में भारतीय रिजर्व बैंक से आग्रह किया कि वह प्रक्रिया के प्रत्येक चरण को स्पष्ट परिभाषित करे ताकि बैंकों के स्तर पर किसी अस्पष्टता को खत्म किया जा सके।
भाजपा नेता जयंत सिन्हा की अगुआई वाली समिति ने कहा, ‘अगर आरबीआई ऐसा आदेेश या अधिसूचना जारी करे, जो पूरी प्रक्रिया को एकदम स्पष्ट बनाए और प्रक्रिया के प्रत्येक चरण को परिभाषित करे ताकि बैंक के लिए किसी अस्पष्टता की गुंजाइश न रहे। इससे आरबीआई बैड बैंक की सफलता में अहम भूमिका निभा सकता है।’रिपोर्ट में कहा गया है कि इस चरण में नियामकीय दखल से फंसे ऋणों के समाधान का मकसद स्पष्ट बनेगा और इसे ज्यादा रफ्तार मिलेगी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘आरबीआई को यह दर्शाना चाहिए कि क्यों नुकसान को एआरसी-एएमसी को हस्तांतरण के उनके प्रस्तावित नियम सबसे बेहतर हैं। उनके नियम में प्रशासनिक स्पष्टता और आर्थिक तार्किकता दोनों दिखने चाहिए।’ इसने कहा कि आरबीआई को एनपीए के मूल्य को खोलने के लिए जल्द से जल्द दखल देना चाहिए।

First Published - March 21, 2021 | 11:09 PM IST

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