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पेयू 4.7 अरब डॉलर में खरीदेगी बिलडेस्क

Last Updated- December 12, 2022 | 1:26 AM IST

प्रॉसस समर्थित फिनटेक कंपनी पेयू भारत की सबसे प्रारंभिक पेमेंट गेटवे कंपनी बिलडेस्क का 4.7 अरब डॉलर के नकद सौदे में अधिग्रहण करने जा रही है। यह भारत के डिजिटल भुगतान क्षेत्र के सबसे बड़े अधिग्रहणों में से एक होगा। 
भारतीय भुगतान क्षेत्र में केवल एक अन्य बड़ा विलय एवं अधिग्रहण सौदा 2015 में हुआ था। उस समय स्नैपडील ने 40 करोड़ डॉलर में फ्रीचार्ज का अधिग्रहण किया था। इससे पहले पेयू ने वर्ष 2016 में सिटरस पेमेंट्स सॉल्यूशंस का 13 करोड़ डॉलर में अधिग्रहण किया था। पेयू ने पिछले साल की शुरुआत में उपभोक्ता ऋण प्लेटफॉर्म पेसेंस का 18.5 करोड़ डॉलर में अधिग्रहण किया था। बिलडेस्क के प्रस्तावित अधिग्रहण से पेयू कुल भुगतान मात्रा (टीपीवी) के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन भुगतान प्रदाताओं में से एक बन जाएगी। पेयू प्रॉसस का भुगतान एवं फिनटेक कारोबार है, जिसका कारोबार 20 से अधिक देशों में फैला हुआ है। इस अधिग्रहण से बनने वाली संयुक्त कंपनी के सालाना लेनदेन चार अरब होंगे। 

प्रॉसस की तरफ से दी गई सूचना में कहा गया है कि अधिग्रहण में शामिल शुद्ध संपत्तियों का मूल्य 25.69 करोड़ डॉलर (करीब 1,927.5 करोड़ रुपये) और 31 मार्च, 2021 को समाप्त वर्ष का कर बाद लाभ 3.68 करोड़ डॉलर (करीब 270 करोड़ रुपये) था। यह सौदा ऐसे समय हो रहा है, जब भारत का भुगतान खंड लुभावना बना हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वित्त वर्ष 2021 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल खुदरा भुगतान के लेनदेन की संख्या 80 फीसदी बढ़ी है। यह 2018-19 में 24 अरब थी, जो 2020-21 में बढ़कर 44 अरब हो गई। आरबीआई का अनुमान है कि अगले तीन साल के दौरान 20 करोड़ से अधिक नए उपयोगकर्ता डिजिटल भुगतान को अपनाएंगे और प्रति व्यक्ति औसत सालाना लेनदेन 10 गुना बढ़कर 22 से 220 हो जाएंगे। यह सौदा प्रॉसस के लिए भी अहम है क्योंकि इसका पिछले पांच साल में निवेश 10 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। यह सौदा भारत में सिटरसपे, पेसेंस और विबमो समेत पेयू के पिछले सफल अधिग्रहणों में सोने पर सुहागे का काम करेगा। हालांकि इस सौदे का होना भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की मंजूरी पर निर्भर करेगा। 
प्रॉसस के समूह सीईओ बॉब वान डाइक ने कहा, ‘यह अधिग्रहण भारत में हमारी रणनीति को फिर से केंद्रित बनाएगा। अगर आप पेयू और बिलडेस्क के कारोबार को देखें तो वे पूरक हैं। हमारा मानना है कि डिजिटल भुगतान खंड अगले कुछ वर्षों के दौरान हर साल 10 गुना बढ़ेगा। भुगतान और फिनेटक प्रॉसस का मुख्य कारोबारी खंड है और भारत हमारे लिए निवेश की सबसे पसंदीदा जगह है।’ इस सौदे से जीए (जनरल एटलांटिक) टीए एसोसिएट्स, टेमासेक, क्लियरस्टोन वेंचर्स और वीजा जैसी निवेशक कंपनियों को निकासी का मौका मिलेगा।

First Published - September 1, 2021 | 1:35 AM IST

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