सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) को लग रहा है कि उसकीलोनबुक का कम से कम 5 फीसदी कर्ज पुनर्गठन के दायरे में आएगा। सोमवार को बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी एस एस मल्लिकार्जुन राव ने कहा, लोनबुक के आकार के हिसाब से कहें तो मोटे तौर पर हमारा अनुमान है कि पुनर्गठन के लिए इस लोनबुक का 5-6 फीसदी पुनर्गठन का पात्र होगा। लेकिन इस बारे में बेहतर अनुमान सितंबर के आखिर में हम देने में सक्षम होंगे।
जून के आखिर में पीएनबी की लोनबुक का आकार 7.21 लाख करोड़ रुपये था। ऐसे में बैंक का अनुमान है कि आरबीआई की योजना के तहत 36,000 से 38,000 करोड़ रुपये का कर्ज पुनर्गठन के लिए आएगा। राव ने कहा कि पुनर्गठन वाले ज्यादातर खाते कॉरपोरेट क्षेत्र के होंगे। बैंक को नहीं लगता कि एमएसएमई और पर्सनल लोन लेने वाले ज्यादातर लोग कर्ज पुनर्गठन के लिए सामने आएंगे।
राव ने कहा, कुल लोनबुक 7.21 लाख करोड़ रुपये में से 1.27 लाख करोड़ रुपये एमएसएमई श्रेणियों के हैं। इनमेंं से करीब 14 फीसदी एनपीए के दायरे में है, ऐसे में बाकी एमएसएमई खाते इसके पात्र होंगे, लेकिन वैल्यू के लिहाज से बहुत ज्यादा नहीं होगी।
अभी तक बैंक ने एमएसएमई खातों में 1,300 करोड़ रुपये के कर्ज पुनर्गठन की अनुमति दी है। आर्थिक दबाव के कारण पिछले साल आरबीआई ने बैंकों को एमएसएमई खातोंं के पुनर्गठन की इजाजत दी थी। इस महीने आरबीआई हर तरह के देनदारों कॉरपोरेट, एमएसएमई और पर्सनल लोन लेने वालों के लिए कर्ज पुनर्गठन योजना घोषित की थी। गैर-एमएसएमई खाताधारक ऐसे पुनर्गठन की मांग इस साल 31 दिसंबर तक कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि देनदार ने 1 मार्च को 30 दिन से ज्यादा समय के लिए डिफॉल्ट न किया हो।
पीएनबी इस पुनर्गठन के तरीकों से संबंधित मंजूरी अपने निदेशक मंडल से इस महीने के आखिर तक लेगा।