देश में यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के ऑटोपे फीचर के प्रति आकर्षण तेजी से बढ़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा पिछले साल अक्टूबर में कार्ड पर आवर्ती भुगतान के लिए स्थायी निर्देश आने के बाद से इसके उपयोग में बढ़ोतरी हुई है। ऑटोपे फीचर में किसी भी यूपीआई ऐप्लीकेशन का इस्तेमाल करके ग्राहक आवर्ती ई-मैंडेट सक्रिय कर सकते हैं।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में ही यूपीआई के ऑटोपे पर रेमिटर बैंक द्वारा पंजीकृत मैंडेट्स की संख्या 60 लाख पहुंच गई, जो इसके पहले के महीने की तुलना में 32 प्रतिशत ज्यादा है। एनपीसीआई देश में डिजिटल भुगतानों का संगठन है।
नवंबर में रेमिटर बैंकों ने 45.5 लाख मैंडेट पंजीकृत किए थे, जबकि अक्टूबर में 40.3 लाख पंजीकरण हुआ था। अक्टूबर से प्लेटफॉर्म पर 145 लाख से ज्यादा मैंडेट बनाए गए। दिसंबर में मैंडेट के पंजीकरण के हिसाब से भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक और बैंक आफ बड़ौदा 3 शीर्ष बैंक हैं, जिन्होंने क्रमश: 18.2 लाख 5,74,841, और 4,35,450 मैंडेट पंजीकृत किए हैं। सितंबर में रैमिटर बैंकों ने प्लेटफॉर्म पर 31.4 लाख मैंटेड पंजीकृत किए थे।
इससे जुड़े एक सूत्र ने नाम न दिए जाने की शर्त पर कहा, ‘हम देख रहे हैं कि यह वृद्धि बहुत शुरुआती है। अगले साल और उसके बाद हर महीने 2.5 करोड़ नए मैंडेट के लक्ष्य तक पहुंचने का लक्ष्य है। इस तरह से यह बेहतर वृद्धि का चालक होगा और एक संयुक्त मूल्य प्रदान करेगा।’
सूत्र ने कहा, ‘अगर हर महीने लगातार ज्यादा मैंडेट जुड़ते हैं तो इससे लेनदेन में भी उसी अनुपात में बढ़ोतरी होगी। बड़े म्यूजिक मर्चेंट और ओटीटी प्लेयर इस पर आ रहे हैं और 6 महीने के भीतर करीब सभी बड़े मर्चेंट इस पर होंगे। बहरहाल अंतरराष्ट्रीय मर्चेंट इस पर आने में कुछ वक्त ले सकते हैं।’
मैंडेट पंजीकरण ऐसे लेनदेन के लिए होता है, जहां ग्राहक एक आवर्ती मैंडेट बनाता है और उसके माध्यम से भुगतान करता है, जो आवर्ती प्रकृति के होते हैं। पिछले साल शुरू यूपीआई ऑटोपे में ग्राहकों को 5,000 रुपये तक के आवर्ती ई मैंडेट बनाने की अनुमति है।
एनपीसीआई की वेबसाइट के मुताबिक नेटफ्लिक्स, डिज्नी हॉटस्टार, जियो सावन, बेनेट कोलमैन ऐंड कंपनी, पॉलिसीबाजार इंश्योरेंस ब्रोकर्स, गूंज, हेल्पेज इंडिया और अन्य यूपीआई ऑटोपे पर मौजूद हैं। यूपीआई के ऑटो पे प्लेटफॉर्म को यूपीआई के अगले चरण की वृद्धि के स्तंभ के रूप में भी देखा जा रहा है। विशेषज्ञों ने इसके पहले कहा है कि ऑटोपे यूपीआई के अगले चरण की वृद्धि में अहम होगा।
इनफीबीम एवेनस लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक विश्वास पटेल ने कहा, ‘तीन महीने से ज्यादा बीत जाने के बाद भी आवर्ती भुगतान व्यवधान अभी भी स्थिर होना है। इस व्यवधान से तमाम ग्राहक यूपीआई ऑटोपे की तरफ गए हैं क्योंकि इसकी प्रक्रिया सरल और तेज है।’