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लघु वित्त बैंकों को मिलेगी सस्ती नकदी

Last Updated- December 12, 2022 | 5:07 AM IST

कम आमदनी वाले वर्ग पर कोविड की दूसरी लहर के असर को कम करने की दिशा में एक कदम उठाते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने रीपो दर पर लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) को 10,000 करोड़ रुपये 3 साल के लिए मुहैया कराने का फैसला किया है। एसएफबी इसका इस्तेमाल व्यक्तिगत उधारी, एसएमई आदि को कर्ज देने में कर सकेंगे।
रिजर्व बैंक लघु वित्त बैंकों को माइक्रोफाइनैंस कंपनियों (एमएफआई) को कर्ज देने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इस मद में कर्ज की अनुमति बैंक के 31 मार्च, 2021 तक के कुल प्राथमिकता क्षेत्र के पोर्टफोलियो का 10 प्रतिशत तक होगा। यह सुविधा 31 मार्च, 2022 तक के लिए उपलब्ध होगी, वहीं इस मद में दिया गया कर्ज पुनभुर्गतान/परिपक्वता की तिथि तक के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र के तहत वर्गीकृत किया गया है।
 इस तरह के कर्ज को रिजर्व बैंक ने प्राथमिकता वाले क्षेत्र की उधारी (पीएसएल) का दर्जा दे दिया है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक रीपो दर पर 10,000 करोड़ रुपये का 3 साल के लिए दीर्घावधि रीपो ऑपरेशन (एसएलटीआरओ) चलाएगा, जिसका मकसद एसएफबी को सस्ती नकदी मुहैया कराना है। वे इस तरह के फंडों का आवंटन उधारी लेने वालों को 10 लाख रुपये तक का नया कर्ज देने के लिए कर सकेंगे। यह सुविधा एसएफबी को 31 अक्टूबर, 2021 तक मिलेगी।
गवर्नर ने अपने बयान में कहा है, ‘छोटे कारोबारियों व व्यक्तिगत रूप से लोगों को कर्ज मुहैया कराकर अंतिम छोर तक धन पहुंचाने की दिशा में एसएफबी अहम भूमिका निभा रहे हैं। छोटी कारोबारी इकाइयों, सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों व अन्य असंगठित क्षेत्र की इकाइयों पर महामारी की मौजूदा लहर का बुरा असर पड़ा है, जिसे देखते हुए 3 साल का विशेष दीर्घावधि रीपो ऑपरेशन चलाने का फैसला किया गया है।’
फिनकेयर स्माल फाइैंस बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी राजीव यादव ने कहा कि इस विंडो से नकदी का लाभ मिलेगा और ग्राहकों को सस्ता कर्ज मिल सकेगा।
उनका समर्थन करते हुए क्रिसिल रेटिंग्स में सीनियर डायरेक्टर कृष्णन सीतारमण ने कहा कि छोटी उधारी लेने वालों के लिए ऋण प्रवाह दो तरीके से प्रोत्साहित किया गया है। पहला- लघु वित्त बैंकों के लिए दीर्घावधि रीपो ऑपरेशन (एलएलटीआरओ) विंडो खोली गई है और दूसरा- एसएफबी द्वारा माइक्रोफाइनैंस को दिया जाने वाला कर्ज प्राथमिकता वाले क्षेत्र की उधारी में वर्गीकृत कर दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘रीपो रेट पर एलएलटीआरओ फंडों की उपलब्धता एसएफबी को प्रोस्ताहित करेगी क्योंकि मौजूदा फंड लागत पर उनका स्प्रेड 200 से 300 आधार अंक बढ़ सकता है। 10,000 करोड़ रुपये की मात्रा भी अहम है, जो एसएफबी के कुल अग्रिम का 10 प्रतिशत है।’
पांच साल पहले की संपत्ति की गुणवत्ता के दबाव चक्र के विपरीत, जिसमें बड़े कॉर्पोरेट शामिल थे, इस बार करीब छोटे खातों, खासकर एमएसएमई और रिटेल महामारी की दूसरी लहर से ज्यादा प्रभावित हैं। जन स्माल फाइनैंस बैंक के मुख्य कार्याधिकारी अजय कंवल ने कहा कि रिजर्व बैंक से यह सस्ता धन स्वागत योग्य है। पैकेज का ध्यान वित्तीय समावेशन पर है। रिजर्व बैंक का कदम उसी के मुताबिक लक्षित है।

मॉनसून के भरोसे महंगाई
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने खाद्य वस्तुओं और उत्पादन के साधनों- दोनों ही मामलों में महंगाई का दबाव बढऩे की बात स्वीकार करते हुए बुधवार को उम्मीद जताई कि दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून के सामान्य रहने से मुद्रास्फीति का दबाव कम होगा। उन्होंने मु्द्रास्फीति के संबंध में आरबीआई के अप्रैल के अनुमान और मध्यम-काल में महंगाई के बारे में अनुमान में कोई बड़ा फर्क नहीं दिखता।
कोविड-19 महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच बुधवार को आनन-फानन में की गई एक घोषणा में दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था के आगे के हालात को लेकर अनिश्चितता है और गिरावट का जोखिम बढ़ा है। भाषा

First Published - May 6, 2021 | 12:10 AM IST

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