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स्टेट बैंक की कोर बैंकिंग सेवा अब मुफ्त में नहीं मिलेगी

Last Updated- December 07, 2022 | 4:46 PM IST

अगर आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के देशभर में फैले 10,000 शाखाओं के नेटवर्क का उपयोग कर घर पैसा भेज रहे हैं तो अब आपको सेवा शुल्क भरना होगा। 


अब तक लाखों लोग देश की इस सबसे बड़ी बैंक की मनी ट्रांसफर सेवा का उपयोग बिलकुल मुफ्त में कर रहे थे। अब उन्हें एसबीआई के जरिए 1,000 रुपये भेजने पर 5 रुपये का शुल्क देना होगा। अगर यह डिपॉजिट होम ब्रांच के अतिरिक्त कहीं और जमा कराया जाता है तो कम से कम 25 रुपये का शुल्क देय होगा।

पहले 50,000 रुपये तक की राशि होम ब्रांच के अतिरिक्त किसी दूसरी शाखा में डिपॉजिट कराना शुल्क मुक्त था। इसी तरह बैंक की इंटर ब्रांच, इंटर बैंक और इंटर सिटी सेवाओं के उपयोग की शुल्क मुक्त न्यूनतम सीमा को घटाया गया है। इन सबसे ग्राहक के लिए कुल मिलाकर लागत में इजाफा होगा।

अब तक चेक के जरिए 50,000 रुपये के इंटरसिटी ट्रांजेक्शन, क्लीयरिंग इंस्ट्रूमेंट और होम ब्रांच से किसी तीसरी पार्टी के दूसरी शाखा के एकाउंट में ट्रांसफर पूरी तरह फ्री थे। अब बैंक ने इसकी सीमा घटाकर 20,000 रुपये कर दी थी। इससे अधिक की राशि पर शुल्क देय होगा। साथ ही अब अपनी होम ब्रांच के अतिरिक्त किसी दूसरी शाखा में पासबुक अपडेट कराने पर ग्राहकों को 10 रुपए बतौर शुल्क देय होगा।

एसबीआई ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी से पहले ही यह निर्णय कर लिया था। अपनी शाखाओं को जारी सर्क्युलर में एसबीआई ने कहा है कि नए सेवा शुल्क 1 सितंबर से प्रभावी होंगे। एसबीआई अपनी सभी शाखाओं को कोर बैंकिंग से जोड़ने के पश्चात अब शुल्क के रूप में आय अर्जित करना चाहता है।

एसबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि अब तक बैंक कई इंटर ब्रांच और इंटर बैंक लेन देन पर कोई शुल्क नहीं लगा रहा था, अब सीबीएस प्लेटफार्म तैयार करने के बाद इसका उपयोग करने वाले ग्राहकों पर लगने वाले शुल्कों का एक ढांचा तैयार किया गया  है।

First Published - August 13, 2008 | 10:07 PM IST

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