लंबे समय से बाजार में जगह बनाए हुए भारत के प्रमुख बैंकों में डिजिटल व्यवधान का जोखिम तुलनात्मक रूप से कम है। स्टैंडर्ड ऐंड पुअर्स (एसऐंडपी) के मुताबिक भारत के तमाम बैंक तेजी से नई तकनीक अपना रहे हैं, जिससे तेजी से बढ़ते, युवा, तकनीकी सक्षम ग्राहकों में पहुंच मजबूत की जा सके। एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग क्रेडिट एनॉलिस्ट दीपाली सेठ छाबडिय़ा ने कहा, ‘हमारा मानना है कि भारत के शीर्ष निजी क्षेत्र के बैंक और भारतीय स्टेट बैंक तकनीकी व्यवधानों से निपटने मेंं सक्षम हैं और वे तकनीक में लगाार निवेश कर रहे हैं।’ कोविड-19 के व्यवधानों के कारण भारत में प्रमुख भुगतान व्यवस्था यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) को गति मिली है। जून से नवंबर 2020 के बीच पिछले साल की समान अवधि की तुनला में यूपीआई के माध्यम से लेन देन करीब दोगुना हो गया है। ग्राहकों के इस तरजीही बदलाव की स्थिति बने रहने की संभावना है। स्मार्टफोन की पहुंच बढऩे, इंटरनेट कनेक्टिविटी बढऩे और युवा, तकनीक में सक्षम लोगों की संख्या बढऩे से मौजूदा बैंकों और नए कारोबारियों के लिए व्यापक संभावनाएं हैं।