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फेडरल रिजर्व बढ़ा रहा अपनी बैलेंस शीट

Last Updated- December 11, 2022 | 10:06 PM IST

अमेरिकी फेडरल रिजर्व थोड़ समय के अंतराल के बाद एक बार फिर परिसंपत्ति कीमतों को सहायता देने के लिए अपनी बैलेंस शीट का विस्तार कर रहा है। फेडरल रिजर्व ने पिछले दो हफ्तों में अपनी बैलेंस शीट में करीब 31 अरब डॉलर का इजाफा किया है, जिससे चालू कैलेंडर वर्ष में इक्विटी बाजार की उत्साहजनक शुरुआत हुई है।
फेडरल रिजर्व की बैलेंस शीट का एकीकृत आकार 12 जनवरी को बढ़कर 8,788.3 अरब डॉलर हो गया, जो 22 दिसंबर 2021 के सर्वकालिक उच्च स्तर 8,790.50 अरब डॉलर से थोड़ा कम है। एक हफ्ते पहले यह 8,764.6 अरब डॉलर था।
दिसंबर महीने में फेडरल रिजर्व ने दो दफा अपनी बैलेंस शीट का आकार घटाया था। इस कदम से भारत सहित अन्य बाजारों में शेयरों की बिकवाली शुरू हो गई थी और दुनिया भर के उभरते बाजारों की मुद्राओं में गिरावट देखी गई थी।
हालांकि इक्विटी के दाम में दिसंबर के निचले स्तर से जोरदार तेजी देखी गई। बेंचमार्क निफ्टी 50 दिसंबर के निचले स्तर 16,410 से करीब 11 फीसदी चढ़ चुका है। शुक्रवार को निफ्टी 18,256 पर बंद हुआ। घरेलू बाजार में तेजी के साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपये में भी सुधार हुआ। 15 दिसंबर को रुपया दो साल के निचले स्तर 76.34 पर आ गया था। शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 74.16 पर बंद हुआ।
जेएम इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के प्रबंध निदेशक और मुख्य रणनीतिकार धनंजय सिन्हा ने कहा, ‘फेडरल रिजर्व द्वारा नीति को सख्त बनाए जाने की आशंका से अधिकतर बाजारों में ट्रेडरों ने नवंबर और दिसंबर में काफी शार्ट पोजिशन ली थी। लेकिन फेड के ताजा रुख के बाद ट्रेडर शॉर्ट कवरिंग कर रहे हैं क्योंकि इक्विटी, जिंसों और उभरते बाजारों की मुद्राओं जैसे ज्यादा जोखिम वाली संपत्तियों के दाम में सुधार हो रहा है।’ हालांकि उन्होंने कहा कि शॉर्ट कवरिंग जल्द ही खत्म हो जाएगी और शेयर तथा मुद्रा बाजार में फिर से गिरावट देखी जा सकती है।
धनंजय ने कहा कि लंबे समय में भारत के शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहा सकता है। अमेरिकी फेड द्वारा मौद्रिक नीतियों में सख्ती और दरों में इजाफा करने से घरेलू बाजार में पूंजी का प्रवाह धीमा पड़ सकता है, जिसका असर इक्विटी बाजार और डॉलर-रुपये के विनिमय दर पर पड़ेगा।
ऐतिहासिक रूप से अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैलेंस शीट में बदलाव और भारतीय शेयर बाजार में परस्पर संबंध रहा है क्योंकि बैलेंस शीट में घट-बढ़ के हिसाब से घरेलू बाजार में उतार-चढ़ाव आता है।
पिछले कैलेंडर वर्ष की शुरुआत से अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपनी बैलेंस शीट में करीब 20 फीसदी (1,425 अरब डॉलर) का इजाफा किया है। इस दौरान निफ्टी 50 सूचकांक करीब 30 फीसदी चढ़ा था। फेडरल रिजर्व अतिरिक्त डॉलर का उपयोग वित्तीय संपत्तियों जैसे अमेरिका के सरकारी बॉन्डों की खरीद, मॉर्गेज वाली प्रतिभूतियों और कॉर्पोरेट बॉन्डों की खरीद में करता है। इससे वित्तीय बाजार में तरलता बढ़ती है जिसके परिणामस्वरूप इक्विटी बाजार में भी तेजी आती है।
फेडरल रिजर्व की समयसीमा के अनुसार वह इस साल मार्च तक बॉन्ड खरीद कार्यक्रम में कमी करेगा और फिर बैलेंस शीट का आकार घटाने के लिए अतिरिक्त बॉन्डों की बिक्री करेगा।

First Published - January 14, 2022 | 11:03 PM IST

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