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बैंकों के लिए तीसरी तिमाही खासी मुश्किलों भरी रही है

Last Updated- December 09, 2022 | 9:20 PM IST

ऐक्सिस बैंक के लिए दिसंबर तिमाही का परिणाम उत्साहजनक रहा और बैंक के शुध्द मुनाफे में 63 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।


हालांकि बैंक इस परिणाम के बाद अब अन्य चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से कमर कस रहा है।

बैंक के मौजूदा अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी पी जे नायक जो बैंक के साथ पिछले नौ वर्षों से जुड़े हैं, इस साल अपने पद से सेवानिवत्त हो रहे हैं। अनिरूध्द लस्कर ने नायक से बैंक की भविष्य की संभावनाओं और आगे की योजनाओं पर बातचीत की। पेश है इस बातचीत के प्रमुख अंश:

आपको लगता है कि आप इसी तरह का प्रदर्शन चौथी तिमाही में भी जारी रख पाएंगे?

मौजूदा वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही से ही हमारे कारोबार की गति काफी बेहतर रही है और इसी गति को हम तीसरी तिमाही में भी बरकरार रख पाने में सफल रहे हैं। हमारे शुल्क में बढ़ोतरी जारी है।

हमने अपने मुनाफे में तेजी लाने के मकसद से अपने डूबते कर्जों (एनपीए) को भी कम से कम स्तर पर रखने की दिशा में हरसंभव प्रयास किए हैं। तीसरी तिमाही में हमने अपनी लागत को भी कम करने का पूरा प्रयास किया है।

दिसंबर तिमाही बैंकों के लिए काफी मुश्किलों भरी रही है क्योंकि इस दौरान बैंकों को नकदी की समस्या और फंडों की बढ़ती लागत जैसी मुश्किलों का सामना करना पडा।

ब्याज दरों में कमी आनी शुरू हो गई है और हमें आशा है कि हम आनेवाली तिमाहियों में भी अपने खर्च को न्यूनतम स्तर पर रख पाने में सफल होंगे।

बैंक का अनुमान था कि तीसरी तिमाही में उसका नेट इंटरेस्ट मार्जिन (एनआईएम) 3.25-3.50 फीसदी के बीच रहेगा लेकिन यह गिरकर 3.12 के स्तर पर आ गया।

आपको लगता है कि फंडों की लागत और ब्याज दरों में कमी से एनआईएम की स्थिति आनेवाले समय में सुधरेगी?

एनआईएम पर ब्याज दरों का बहुत ज्यादा असर होता है। पिछले कई महीनों से ब्याज दरें काफी ऊंची रही है। इस कारण एनआईएम में गिरावट आई है।

अब जबकि दरों में गिरावट आनी शुरू हो गई है,तो हमें आशा है कि एनआईएम भी अब संतुलित स्थिति में आ जाएगा। हमें उम्मीद है कि चौथी तिमाही में हमारे एनआईएम का स्तर 3.25-3.50 के बीच रहेगा।

फंडों की लागत में कमी का आपकी कर्ज और जमा दरों पर क्या असर पड़ेगा?

हमारी जमा दरें पहले से ही कम होनी शुरू हो गई है। कर्ज और जमा दरों के निर्धारित होने में फंडों पर कितनी लागत आती है,यह बात बहुत मायने रखता है।

हालांकि यह क हना बहुत मुश्किल होगा कि कर्ज की दरों में किस स्तर तक कमी आएगी लेकिन निश्चित तौर पर इनका स्तर नीचे जाएगा।

बैंक का करेंट और सेविंग एकाउंट (सीएएसए) तीसरी तिमाही में घटकर 38 फीसदी रह गया है जबकि एक साल पहले यह 45 फीसदी हुआ करता था। बैंक के लिए क्या यह चिंताजनक नहीं है?

बैंकों के लिए तीसरी तिमाही काफी मुश्किल भरी रही है। जैसे ही ब्याज दरों में बढ़ोतरी होनी शुरू हुई, वैसे ही खुदरा ग्राहकों ने सावधि जमा में अपने पैसे डालने शुरू कर दिए।

इसी वजह से हमारी जमा रकम में साल-दर-साल के हिसाब से 54 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हमारा सीएएसए अभी अन्य बैंकों की तुलना में काफी बेहतर है।

इसके अलावा हमारे परिसंपत्ति आधार में भी बहुत तेजी से बढ़ोतरी हो रही है और जैसे ही ब्याज दरों में अब क मी आनी शुरू हुई है, हमारा मानना है कि नकदी की स्थिति में और सुधार  होगा जिससे सीएएसए आधार और मजबूत होगा। चौथी तीमाही में हम सीएएसए के 40 फीसदी के आसपास रहने की उम्मीद कर रहे हैं।

आपकी योजना एक परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी लगाने की थी जो लंबे समय से आपकी योजनाओं में शुमार है, उसकी क्या स्थिति है?

मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति हो चुकी है और उनके इस महीने के अंत तक पदभार संभाल लेने की उम्मीद है। हम इक्विटी बाजार सुधरने का इंतजार कर रहे हैं और हमें आशा है कि कंपनी तिमाही के अंत तक कार्य करना शुरू देगी।

आप इस साल अगस्त में अपने पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं।  उस स्थिति में आपकी जगह कौन लेगा?

अगस्त में मेरी सेवा की अवधि समाप्त हो रही है। बैंक प्रबंधन अगले अध्यक्ष के बारे में फैसला करेगा। मैंने फिलहाल इसके बाद की स्थिति के बारे में कुछ नहीं सोचा है। मैं छुट्टियों पर जाने को ज्यादा तरजीह दूंगा।

बैंक के रूप में ऐक्सिस बैंक शुरुआत से ही काफी प्रतिस्पर्धी रही है। आनेवाले समय में बैंक को अपने विकास की गति को बरकरार रखना चाहिए।

First Published - January 12, 2009 | 10:18 PM IST

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