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समय और मिलेगा, किस्त भी कम

Last Updated- December 06, 2022 | 11:00 PM IST

अगर आपने आईसीआईसीआई बैंक से होम लोन लिया है, तो यह खबर खास आप ही के लिए है।


भारत के दूसरे सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई ने अपने ग्राहकों के सामने एक नई पेशकश रखी है। इसके तहत बैंक होम लोन की अवधि को बढ़ाने और मासिक किस्त यानी ईक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट कम करने का प्रस्ताव रखा है।


फरवरी और मार्च 2007 में फ्लोटिंग रेट पर उधार लेने वालों के लिए प्राइम लेंडिंग रेट यानी मूल उधार दर बढ़ जाने की वजह से आईसीआईसीआई ने ग्राहकों से ज्यादा मासिक किस्त अदा करने को कहा था। बैंक का कहना है कि उसे ग्राहकों से लगातार इस तरह के सुझाव मिल रहे हैं कि वह ज्यादा ईएमआई चुकाने के बजाए ऋण अवधि बढ़ाना बेहतर समझते हैं। ग्राहकों के प्रति मित्रवत व्यवहार के तहत बैंक ने ईएमआई घटाने और लोन की अवधि बढ़ाने का फैसला लिया गया है।


बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, जिन कर्जदारों का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है उन्हें यह विकल्प मुहैया कराया गया है और यह उन्हीं में से कुछ के सुझावों पर आधारित है। हालांकि यह कोई बंदिश नहीं है। अगर ग्राहक वर्तमान ईएमआई ही देना चाहता है तो वह उसे जारी रख सकता है। ऐसे में लोन अवधि बढ़ाने के विकल्प पर हामी भरने की कोई जरूरत नहीं है।


यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब सूचना प्रौद्योगिकी समेत वित्तीय क्षेत्र की हालत भी पतली है। हालांकि बैंक ने इसे एक सामान्य कदम बताया। बैंक अधिकारी का कहना है कि कई सेक्टर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और अर्थव्यवस्था भी स्थिर है। छठे वेतन आयोग की सिफारिशें भी इस साल लागू होनी हैं। इसे आप खर्च पर काबू पाने के लिए एक एहतियाती कदम मान सकते हैं।


हालांकि बैंक पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि लोग ज्यादा ईएमआई भी चुका रहे हैं। जहां तक उधार चुकाने का सवाल है, तो हर किसी की प्राथमिकता होम लोन की अदायगी है। इस साल की शुरुआत में जब ज्यादातर बैंकों ने अपनी ब्याज दर घटा दी थी, तब आईसीआईसीआई ने ऐसा नहीं किया। नतीजा,, लोग होम लोन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उन बैंकों का रुख करने लगे, जिनकी ब्याज दर अपेक्षाकृत कम है।


हालांकि बैंक अधिकारी का कहना है कि यह कदम ईएमआई के अंतर को पाटने के लिए नहीं उठाया गया है। पिछले 18 सालों के दौरान ब्याज दरों में 350 बेसिस पॉइंट का इजाफा हुआ है। इस साल फरवरी और मार्च में केवल 25 से 50 बेसिस पॉइंट की कमी की गई है और इससे ग्राहक को फायदा नहीं पहुंचता, क्योंकि नई जगह से उधार लेने पर उन्हें प्री-पेमेंट चार्ज देना होगा। 

First Published - May 12, 2008 | 1:07 AM IST

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