भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने सोमवार को उद्योग जगत से वित्तीय उत्पादों और सेवाओं के मूल्य निर्धारण को पारदर्शी बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे गलत ढंग से होने वाली बिक्री की संभावना को कम किया जा सकेगा।
नैशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान शंकर ने कहा कि मुफ्त सेवाओं के मामले में भी कुछ न कुछ मूल्य तो लगता ही है। इस तरह की अपारदर्शी व्यवस्था का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वित्तीय क्षेत्र में कई उत्पादों को एक साथ मिलाकर बेचना ऐसी व्यवस्था है। जहां पादर्शिता की कमी लगती है। उन्होंने कहा, उत्पादों को एक बंडल बनाकर बेचने से ग्राहकों के बजाय विक्रेता को ही लाभ पहुंचता है। जब भी विभिन्न उत्पादों को एकजुट कर एक साथ बेचने की बात सामने आती है तो मुझे लगता है कि नियामकों को गलत बिक्री और दुरुपयोग की संभावनाओं के प्रति अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।