निजी क्षेत्र के देश के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक ने धन की सीमांत लागत पर आधारित उधारी दर (एमसीएलआर) में सभी तरह के कर्ज पर 5 से 10 आधार अंक (बीपीएस) बढ़ोतरी कर दी है, जो 8 अगस्त से लागू हो गया है। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रीपो रेट में 50 बीपीएस और बढ़ोतरी किए जाने के बाद बैंक ने ब्याज दर में बढ़ोतरी की है।
इसी के मुताबिक एचडीएफसी बैंक का ओवरनाइट और 1 माह का एमसीएलआर 7.80 प्रतिशत, 3 माह का 7.85 प्रतिशत, 6 माह का 7.95 प्रतिशत, 1 साल का 8.10 प्रतिशत, 2 साल का 8.20 प्रतिशत और 3 साल का 8.30 प्रतिशत हो गया है।
निजी क्षेत्र के एक और बैंक आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने भी अपने एमसीएलआर में 5 से 15 बीपीएस की बढ़ोतरी की है, जो हर तरह के ऋण पर लागू और 8 अगस्त से प्रभावी होगा। बैंक का ओवरनाइट व 1 माह का एमसीएलआर अब 8 प्रतिशत, 3 माह का 8.25 प्रतिशत, 6 माह का 8.60 प्रतिशत, 1 साल का 8.95 प्रतिशत हो गया है।
पिछले सप्ताह सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक ने भी एमसीएलआर में 5 से 15 बीपीएस बढ़ोतरी की थी। रिजर्व बैंक द्वारा पिछले सप्ताह नीतिगत दरों में बढ़ोतरी के बाद ज्यादातर कर्जदाताओं ने पहले ही अपने वाह्य मानक से जुड़ी उधारी की दर में बढ़ोतरी कर दी है। आईसीआईसीआई बैंक, पंजाब नैशनल बैंक और बैंक आफ बड़ौदा ने सप्ताहांत में एमसीएलआर में 50 आधार अंक बढ़ोतरी की थी।
रिजर्व बैंक के हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि बैंकिंग व्यवस्था में 43.6 प्रतिशत कर्ज बाहरी बेंचमार्क से जुड़ा है, जो रीपो रेट या सरकारी प्रतिभूतियों पर प्रतिफल हो सकता है। वहीं बैंकिंग व्यवस्था का 49.2 प्रतिशत कर्ज एमसीएलआर से जुड़ा है।