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अक्टूबर में यूपीआई ऑटोपे को मिली गति

Last Updated- December 11, 2022 | 11:37 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ई-मैंडेट्स पर नए दिशानिर्देश के बाद कार्डों के माध्यम से आवर्ती भुगतान में व्यवधान हो रहा है, वहीं यूपीआई ऑटोपे के प्रति आकर्षण बढ़ा है। हर महीने इसके पंजीकरण में बढ़ोतरी हो रही है।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर महीने में धन देने वाले बैंक में पंजीकरण बढ़कर 40.2 लाख हो गया, जो सितंबर की तुलना में 28.34 प्रतिशत ज्यादा है। सितंबर महीने में रेमिटर बैंकों में 31.4 लाख ऑटोपे मैंडेट्स का पंजीकरण यूपीआई प्लेटफॉर्म पर हुआ था। इसी तरह से अगस्त में 17.7 लाख पंजीकरण हुआ था।
मैंडेट पंजीकरण वह होता है, जिसमें ग्राहक एक आवर्ती मैंडेट उपभोक्ता खाते के लिए बनाता है, जो भुगतान आवर्ती प्रकृति का होता है। पिछले साल शुरू किए गए यूपीआई ऑटोपे में ग्राहक मोबाइल बिल, बिजली बिल, ईएमआई भुगतान, मनोरंजन/ओटीटी सबस्क्रिप्शन, बीमा, म्युचुअल फंड सहित अन्य 5,000 रुपये तक के आवर्ती भुगतानों के लिए यूवीआई ऐप्लीकेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं। एनपीसीआई के सीओओ परवीना राय ने टेलीविजन नेटवर्क ईटी नाऊ से कहा, ‘सबस्क्रिपशन सेवाओं के लिए रिजर्व बैंक के नियमों का अनुपालन करना पड़ता है और परंपरागत रूप से यह कार्डों या बैंक खातों सेहोता है। अब इस सबस्क्रिप्शन सेवा के तमाम लोग यूपीआई की ओर आ रहे हैं।’

First Published - November 10, 2021 | 11:18 PM IST

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