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वैकल्पिक बोर्ड का गठन करेगा येस बैंक

Last Updated- December 11, 2022 | 6:25 PM IST

येस बैंक के बोर्ड ने पुनर्गठन योजना मार्च 2020 को लागू करने के बाद उल्लेखनीय  प्रगति हासिल करने और पुनरुद्धार होने के बाद एक वैकल्पिक बोर्ड के गठन की सिफारिश की है।
अपने सबसे बड़े शेयरधारक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की सिफारिश पर मौजूदा बोर्ड ने निजी क्षेत्र के इस बैंक के लिए एक वैकल्पिक बोर्ड के गठन की पहल की है। वैकल्पिक बोर्ड के प्रस्तावित निदेशकों की सूची में अतुल मलिक, रेखा मूर्ति, शरद शर्मा, नंदिता गुर्जर, संजय कुमार खेमानी, सदाशिव श्रीनिवास राव, टी केशव कुमार, संदीप तिवारी और मौजूदा प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी (एमडी एवं सीईओ) प्रशांत कुमार शामिल हैं।
एसबीआई ने एमडी एवं सीईओ पद पर तीन साल के कार्यकाल के लिए प्रशांत कुमार के नाम का प्रस्ताव दिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा नियुक्त दो अतिरिक्त निदेशकों- आर. गांधी और अनंत नारायणन गोपालकृष्णन का कार्यकाल 23 मार्च 2023 तक वैध है। येस बैंक के चेयरमैन सुनील मेहता और बोर्ड के अन्य सदस्यों- महेश कृष्णमूर्ति एवं अतुल भेदा- वैकल्पिक बोर्ड के गठन होने पर कार्यालय छोड़ देंगे।
निजी क्षेत्र के इस बैंक के संकटग्रस्त होने पर उसे उबारने के लिए मार्च 2020 में  आरबीआई और सरकार ने एक पुनर्गठन योजना तैयार की थी। पहले येस बैंक प्रवर्तकों द्वारा समर्थित और राणा कपूर द्वारा संचालित होता था। भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में वाणिज्यिक बैंकों ने पुनर्गठन योजना के तहत येस बैंक में 10,000 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश  किया था।
येस बैंक ने शेयरधारकों को सूचित करते हुए कहा है कि वैकल्पिक बोर्ड का गठन किया जा रहा है और वह लागू कानून एवं विनियमों के तहत मौजूदा बोर्ड की जगह कार्य करेगा। मौजूदा बोर्ड का गठन पुनर्गठन योजना के तहत किया गया था। बैंक ने 15 जुलाई  को शेयरधारकों की वार्षिक आम बैठक बुलाई है।
येस बैंक ने वित्त वर्ष 2020 और वित्त वर्ष 2021 में लगातार दो वर्षों के दौरान भारी घाटा दर्ज करने के बाद वित्त वर्ष 2022 में पहली बार मुनाफा दर्ज किया है। पूरे वित्त वर्ष 2022 के लिए उसने 1,066 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है। बैंक की नजर अब बहीखाते के सुदृढ़ीकरण से लेकर वृद्धि पर  है।
मार्च 2022 में येस बैंक की जमा 1.97 लाख करोड़ रुपये पर लगभग दोगुनी हो गई जो मार्च 2020 में करीब 1.05 लाख करोड़ रुपये रहा था। कुल जमा में कम लागत वाली जमा- चालू खाते और बचत खाते- की हिस्सेदारी बढ़कर अब 30 फीसदी से अधिक हो चुकी है। मार्च 2022 के अंत में बैंक का अग्रिम 1.81 लाख करोड़ रुपये हो चुका था। वित्त वर्ष 2022 के दौरान उसके ऋण खाते में करीब 9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई और सभी श्रेणियों में कुल ऋण वितरण 70,000 करोड़ रुपये रहा। बैंक अब बहीखाते को मजबूत करने के बजाय वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करने लगा है।
येस बैंक की नकदी की स्थिति में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। मार्च 2022 में उसका ऋण बनाम जमा अनुपात 168 फीसदी से सुधरकर 92 फीसदी हो गया जबकि नकदी कवरेज अनुपात (एलसीआर) 37 फीसदी से बढ़कर 128 फीसदी हो गया।
बैंक ने जुलाई 2020 में सार्वजनिक निर्गम के जरिये 15,000 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी जुटाई थी। उसका सामान्य इक्विटी टियर-1 मार्च 2022 में सुधरकर 11.6 फीसदी हो गया जो मार्च 2020 में 6.3 फीसदी था।

First Published - June 9, 2022 | 12:55 AM IST

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