बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी (अक्टूबर-दिसंबर) तिमाही में जमा के मामले में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सबसे ऊंची वृद्धि दर्ज की है। BoM ने यह आंकड़ा ऐसे समय हासिल किया है कि जबकि ज्यादातर सरकारी बैंकों की जमा वृद्धि 10 प्रतिशत से कम रही है।
आंकड़ों के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में से केवल BoM और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने दिसंबर, 2023 को समाप्त तीसरी तिमाही में जमा में दो अंक की वृद्धि हासिल की है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रकाशित तिमाही आंकड़ों के अनुसार, पुणे के ऋणदाता BoM ने तिमाही के दौरान जमा में 17.89 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जिसके बाद SBI ने 12.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
हालांकि, SBI की कुल जमा राशि BoM के 2,45,734 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग 18.5 गुना यानी 45,67,927 करोड़ रुपये थी। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया जमा में 9.53 प्रतिशत की वृद्धि के साथ तीसरे स्थान पर रहा, जबकि पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने 9.10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
कम लागत वाली चालू खाता बचत खाता (कासा) जमाओं के मामले में BoM 50.19 प्रतिशत के साथ शीर्ष पर रहा। इसके बाद उसके बाद सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 48.98 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहा। कासा का उच्च स्तर बैंकों को अपने कोष की लागत कम रखने में मदद करता है।
संपत्ति की गुणवत्ता के मामले में 31 दिसंबर, 2023 तक BoM की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (NPA) सबसे कम 2.04 प्रतिशत रहीं। SBI 2.42 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहा। शुद्ध एनपीए के मामले में भी BoM का आंकड़ा 0.22 प्रतिशत के साथ सबसे अच्छा रहा। इसके बाद 0.53 प्रतिशत के साथ इंडियन बैंक का स्थान रहा।