facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

कैंसर बीमा पॉलिसियों में ज्यादा कवर होना जरूरी

Last Updated- February 12, 2023 | 11:47 PM IST
Insurance

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा प्रकाशित राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री के अनुसार वर्ष 2022 के दौरान भारत में कैंसर के 1.46 लाख करोड़ नए मामले सामने आए।

शहरी इलाकों और विशेष रूप से महानगरीय क्षेत्रों में लोगों की जीवनशैली में बदलाव और प्रदूषण आदि के कारण कैंसर के मामले अधिक दिख रहे हैं। आइए, जानें कि इस खतरनाक बीमारी के खिलाफ खुद को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।

बीमारी की लागत अधिक

जब किसी व्यक्ति को कैंसर हो जाता है तो उसे दो मोर्चों पर जूझना पड़ता है। पहला, इस बीमारी के इलाज की लागत काफी अधिक है। दूसरा, इससे संबंधित अन्य खर्च भी अधिक होती है। लंबी बीमारी के कारण रोगी अपना व्यवसाय या अपनी नौकरी करने में भी समर्थ नहीं होता है। छोटे शहरों में रहने वालों को अक्सर बेहतर इलाज के लिए महानगरों का रुख करना पड़ता है जहां इलाज का खर्च अधिक होता है। इसके अलावा रोगी की देखभाल के लिए साथ गए एक या दो लोगों का खर्च भी उठाना पड़ता है।

दो कवर होना जरूरी

इन समस्याओं से निपटने के लिए दो मोर्चों पर बीमा कवर होने की आवश्यकता होती है। निवा बुपा हेल्थ इंश्योरेंस के निदेशक (अंडरराइटिंग, पॉलिसी एवं दावे) भाबतोष मिश्रा ने कहा, ‘पहला, आपकी बुनियादी क्षतिपूर्ति पॉलिसी (सामान्य स्वास्थ्य बीमा कवर जहां आपको उपचार के लिए प्रतिपूर्ति मिलती है) पर बीमित राशि अधिक होनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं है तो पॉलिसी में इसे आवश्वस्त करने वाले प्रावधान होने चाहिए ताकि बीमित राशि खत्म होने पर अपने आप उतनी राशि फिर से उपलब्ध हो जाए।’

कैंसर के मामले में सर्जरी के बाद कीमोथैरेपी या रेडियोथेरेपी का दौर चल सकता है जिसके लिए बार-बार छोटे-बड़े दावे करने पड़ते हैं। अधिक बीमित रकम वाली पॉलिसियों के जरिये इस प्रकार की लागत से आसानी से निपटा जा सकता है।

इसके अलावा, आपके पास या तो एक निश्चित लाभ वाली कैंसर योजना या गंभीर बीमारी के लिए योजना होनी चाहिए।

निश्चित लाभ वाली पॉलिसी

कैंसर के लिए एक पॉलिसी निश्चित लाभ वाली योजना है। इसके तहत बीमारी का पता चलते ही बीमित व्यक्ति को एक निश्चित रकम का एकमुश्त भुगतान कर दिया जाता है।

साना इंश्योरेंस ब्रोकर्स की प्रमुख (बिक्री एवं सेवा) नयन गोस्वामी ने कहा, ‘इस प्रकार की पॉलिसी से प्राप्त एकमुश्त रकम का उपयोग बीमारी से जुड़ी अन्य खर्चों को पूरा करने में किया जा सकता है।’

पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के कारोबार प्रमुख (स्वास्थ्य बीमा) सिद्धार्थ सिंघल ने कहा कि इस प्रकार की पॉलिसी से मिलने वाली रकम बाधित आय का भी विकल्प हो सकता है। कुछ बीमाकर्ता नियमित आय सुनिश्चित करने के लिए किस्तों में भुगतान करते हैं।

इस बीमारी के एडवांस स्टेज में आम तौर पर रोगी को गहन देखभाल एवं अन्य वैकल्पिक उपचारों की भी आवश्यकता होती है। गोस्वामी ने कहा, ‘इस प्रकार के उपचार सामान्य स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में कवर नहीं होते हैं। जबकि निश्चित लाभ वाली पॉलिसी में इसे कवर किया जा सकता है।’

क्षतिपूर्ति आधारित पॉलिसी

क्षतिपूर्ति आधारित कैंसर बीमा पॉलिसी से बीमित व्यक्ति को उपचार की अधिक लागत से निपटने में मदद कर सकती है। जिन लोगों के पास बुनियादी पॉलिसी पर पहले से ही अधिक कवर है वे इसे नजरअंदाज कर सकते हैं। यह उन लोगों के लिए अधिक फायदेमंद साबित होता है जो पहले ही कैंसररोगी हैं। सिंघल ने कहा, ‘यदि कोई व्यक्ति कैंसर पीड़ित है और उसके पास कोई स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी नहीं है तो उसे अस्पताल के नियमित खर्च को पूरा करने के लिए पॉलिसी खरीदने में परेशानी हो सकती है। लेकिन क्षतिपूर्ति आधारित पॉलिसी के जरिये उन्हें बीमा कवर मिल सकता है। इस प्रकार उन्हें कम से कम अन्य बीमारियों के लिए कवर मिल सकता है।’

बीमा कवर में कैंसर के प्रकार

इन पॉलिसियों में कुछ कमियां भी हैं। गोस्वामी ने कहा, ‘पॉलिसी दस्तावेज में ऐसा नहीं कहा जाता है कि कैंसर को कवर किया गया है बल्कि उसमें कवर किए गए कैंसर के प्रकारों का उल्लेख किया जाता है। सूची जितनी लंबी होगी, पॉलिसी उतना ही अच्छा होगा।’ कैंसर के जिन प्रकारों को सूची में शामिल नहीं किया गया है उनके लिए कवर नहीं भी मिल सकता है।

क्षतिपूर्ति आधारित पॉलिसी में पहले ही कैंसर से पीड़ित लोगों को प्रदान की जाने वाली बीमा राशि सीमित हो सकती है। सिंघल ने कहा, ‘यह रकम 2 से 5 लाख रुपये से अधिक नहीं हो सकती है।’ दो पॉलिसियों- बुनियादी कवर और निश्चित लाभ वाली कैंसर पॉलिसी- से भुगतान हासिल करना मुश्किल हो सकता है। लेकिन निश्चित लाभ वाली कैंसर पॉलिसी से रकम केवल प्रतिपूर्ति के रूप में मिलती है।

जल्द खरीदें पॉलिसी

यदि आप खर्च करने में सक्षम हैं तो आपको अस्पताल में भर्ती होने नियमित खर्च को कवर करने के लिए एक निश्चित लाभ वाली पॉलिसी (या गंभीर बीमारी वाली पॉलिसी) जल्द खरीद लेनी चाहिए। पहले आम धारणा थी कि यह वृद्धावस्था की समस्या है लेकिन ऐसा नहीं है। मिश्रा ने कहा, ‘छोटे बच्चे हों अथवा  बुजुर्ग अब दोनों में ऐसे मामले दिख रहे हैं।’ इसलिए बीमा पॉलिसी को जल्द से जल्द खरीद लेना चाहिए।

मिश्रा ने कहा, ‘जो लोग पहले से ही कैंसर से पीड़ित हैं उनके लिए बीमा कवर हासिल करना मुश्किल हो सकता है।’

कैंसर के उपचार के लिए काफी शोध हो रहे हैं जो भविष्य में उपलब्ध होंगे। भविष्य में उपलब्ध होने वाले उपचार भी महंगे होंगे। मिश्रा ने कहा, ‘इसलिए कैंसर पीड़ित लोगों को भुगतान करने में समर्थ होने के लिए पर्याप्त बीमा कवर होना आवश्यक है।’

First Published - February 12, 2023 | 11:47 PM IST

संबंधित पोस्ट