विश्व बैंक ने G-20 सम्मेलन के लिए तैयार अपने दस्तावेज में वित्तीय समावेशन के लिए आधार क्रमांक और UPI सहित डिजिटल सार्वजनिक पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) की ताकत को बढ़ावा देने में भारत के प्रयासों की तारीफ की है।
वैश्विक बहुपक्षीय संस्था विश्व बैंक ने डिजिटल बदलाव को गति तेज करने में देशों की मदद करने में DPI क्षमता की वकालत भी की।
‘DPI के जरिए वित्तीय समावेशन और उत्पादकता लाभ को आगे बढ़ाने के लिए G20 नीति अनुशंसा’ शीर्षक वाले इस दस्तावेज की प्रस्तावना में कहा गया है कि DPI का प्रभाव समावेशी वित्त के साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा और स्थिरता को समर्थन देने में भी होता है। डिजिटल पहचान, अंतर-परिचालनीय भुगतान (interoperable payments) और डिजिटल क्रेडेंशियल लेजर के साथ मिलकर ‘इंडिया स्टैक’ ने इस नजरिए को आगे बढ़ाया है। इसने 80 प्रतिशत की उल्लेखनीय वित्तीय समावेशन (financial inclusion) दर हासिल की है।
यह एक ऐसी उपलब्धि है, जिसे DPI के बगैर हासिल करने में पांच दशक लग जाते।
विश्व बैंक ने कहा कि भारत की डिजिटल आईडी प्रणाली आधार, डिजिटल पेमेंट सिस्टम, यूपीआई, डेटा प्लेटफॉर्म डिजिलॉकर और अन्य मंच DPI के ऐसे ही उदाहरण हैं। ये सभी वित्तीय समावेशन की प्रगति में अग्रणी भूमिका निभाते हैं।
इस रिपोर्ट में सिंगापुर की सिंगपास, फिलीपींस की फिलसिस और यूएई की यूएई-पास जैसी डिजिटल पहचान प्रणालियों का उल्लेख भी किया गया।