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जल्द लें म्युचुअल फंड या शेयरों का बचा लाभांश

Last Updated- December 10, 2022 | 2:11 AM IST

बहुत से लोगों के लिए 2020 वित्तीय रूप से मुश्किल भरा साल रहा है। लेकिन आप 2021 की अच्छी शुरुआत कर सकते हैं और उसका सबसे बेहतरीन तरीका है म्युचुअल फंड या शेयरों का वह लाभांश मांगना, जिसका अभी तक आपने दावा नहीं किया है। मीडिया में हाल में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के 10 सबसे बड़े म्युचुअल फंडों के पास ही निवेशकों के ऐसे 1,100 करोड़ रुपये पड़े हैं, जिन पर किसी ने दावा ही नहीं किया है।

क्यों नहीं होता लाभांश का दावा
अगर म्युचुअल फंड का लाभांश घोषित होने के 90 दिन के भीतर उस पर दावा नहीं किया जाता है तो उसे बिना दावे का मान लिया जाता है। इस रकम पर दावा नहीं होने के कई कारण हैं। फिनोलॉजी के मुख्य कार्याधिकारी अधिकारी (सीईओ) प्रांजल कामरा बताते हैं, ‘जब आपकी व्यक्तिगत जानकारी और संपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) के रिकॉर्ड में दर्ज जानकारी मेल नहीं खाती तो आपकी म्युचुअल फंड यूनिटों पर घोषित लाभांश आपके बैंक खाते में जमा नहीं किया जाता।’ कभीकभार यह रकम चेक के जरिये भेजी हाती है। यदि एएमसी के पास मौजूद निवेशक का पता गलत है तो लाभांश उस तक नहीं पहुंच पाता।

फंड में लाभांश का दोबारा निवेश  
नब्बे दिन पूरे हो गए तो लाभांश की रकम बिना दावे की लाभांश योजना के खाते में डाल दी जाती है। इसमें एक योजना तीन साल से कम की होती है और दूसरी तीन साल से ज्यादा की। पहले रकम को तीन साल से कम की योजना में डाला जाता है, जहां से उसे बाजार प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है। यहां एएमसी केवल 50 आधार अंक प्रबंधन शुल्क वसूल सकती हैं। निवेश में जो भी इजाफा होता है, उसमें से यह शुल्क काटने के बाद एनएवी बता दिया जाता है। निवेशकों को तीन साल तक इस फंड के एनएवी में हुई वृद्घि का लाभ मिलता रहता है।
अगर तीन साल पूरे होने तक भी किसी ने लाभांश का दावा नहीं किया तो रकम को तीन साल से अधिक की योजना में डाल दिया जाता है। इस रकम में मूलधन के साथ पिछली योजना में एनएवी में हुई वृद्घि शामिल होती है। पीपीएफएएस म्युचुअल फंड में अनुपालना अधिकारी प्रिया हरियानी समझाती हैं, ‘अगर कोई निवेशक तीन साल गुजरने के बाद लाभांश का दावा करता है तो उसे तीन साल तक हुई बढ़ोतरी का फायदा ही मिलता है। तीन साल के बाद लाभांश की रकम में जो भी बढ़ोतरी होती है, वह निवेशक शिक्षा खाते में भेज दी जाती है।’
जिस लाभांश का दावा अभी तक नहीं किया गया है, उसे पाने के लिए सभी फंड कंपनियों की वेबसाइट पर फॉर्म रहते हैं, जिन्हें भरकम दावा किया जा सकता है। वास्तविक निवेशक ही रकम का दावा करे, यह सुनिश्चित करने के लिए कंपनी फोलिया क्रमांक, पैन का विवरण और फोलियो में अंकित नाम जैसी जानकारी पूछती हैं।

शेयरों में सात साल तक दावा
शेयरों का बचा लाभांश सात साल के भीतर हासिल करने के लिए कंपनी की निवेशक संबंध टीम या पंजीयक एवं ट्रांसफर एजेंट (आरटीए) से संपर्क करें। सात साल गुजरने के बाद रकम वहां से हटा दी जाती है। फिनसेफ इंडिया में वित्तीय शिक्षक और निदेशक मृण अग्रवाल बताती हैं, ‘कंपनियों की बात हो तो सात साल बाद लाभांश की रकम निवेशक शिक्षा सुरक्षा कोष (आईईपीएफ) में भेज दी जाती है।’ सात साल गुजर गए तो आपको रकम पर दावा करने के लिए आईईपीएफ की वेबसाइट पर जाना होगा और ई-फॉर्म आईईपीएफ-5 भरना होगा।

निजी जानकारी रहे अद्यतन
निवेशकों को फंड कंपनियों के पास अपनी निजी जानकारी और बैंक से जुड़ा ब्योरा एकदम अद्यतन रखना चाहिए और उसमें किसी भी तरह की तब्दीली की सूचना फौरन देनी चाहिए। साथ ही उन्हें स्वत: भुगतान यानी ऑटो-पे की सुविधा चुननी चाहिए ताकि लाभांश की रकम सीधे उनके खाते में डाल दी जाए। शेयरों के मामले में भी चौकसी बरतना बेहतर रहेगा। अग्रवाल की सलाह है, ‘अपने धन पर नियमित रूप से नजर रखें। जिस लाभांश पर दावा नहीं किया गया हो, वह एक बार आईईपीएफ में पहुंच गया तो उसे वापस पाना आसान काम नहीं होता है।’
अंत में निजी क्षेत्र की परामर्श सेवा फर्म भी होती हैं, जो म्युचअल फंड और शेयरों का बिना दावे वाला लाभांश पाने में मदद करती हैं। अगर आप उनकी मदद लेने का फैसला करते हैं तो किसी बड़ी फर्म को ही चुनिए।

First Published - January 3, 2021 | 11:44 PM IST

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