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सरकारी बीमा कंपनियां अप्रैल के बिजनेस से हुईं मजबूत

Last Updated- December 11, 2022 | 1:40 AM IST

सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियां अप्रैल में पॉलिसी नवीनीकरण के दौरान अपनी बाजार भागीदारी बढ़ाने में सफल रही हैं।
मौजूदा समय में जहां निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियां अपनी बैलेंस शीट में सुधार लाने की कोशिश में लगी हुई हैं, वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियां अपने खातों-बही में बढ़त दर्ज कर रही हैं जो उनकी शानदार बैलेंस शीट और अच्छे मार्जिन के रूप में साफ दिख रहा है।
यूनाइटेड इंश्योरेंस के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक जी. श्रीनिवासन ने कहा, ‘कंपनियों ने कवर लेने से पहले बीमा कंपनी की वित्तीय मजबूती पर ध्यान देना शुरू कर दिया है।’ सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों ने बड़े ग्राहकों को प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से छीन कर अपने से जोड़ने के लिए कुद की कार्य प्रणाली में भी बदलाव किया है।
डिस्काउंट की पेशकश के अलावा ये बीमा कंपनियां उन विभिन्न प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं जिनके माध्यम से वे कारोबार को अच्छी तरह संचालित कर सकें। एनटीपीसी, बीपीसीएल और ओएनजीसी जैसी बड़ी कंपनियां अपनी पॉलिसी मई और जून में रिन्यू करेंगी। लेकिन 30 फीसदी कंपनियां अप्रैल में ही अपनी पॉलिसियों का नवीनीकरण करवा चुकी हैं।
फरवरी 2009 तक सार्वजनिक क्षेत्र की चार बीमा कंपनियों – न्यू इंडिया एश्योरेंस, नैशनल इंडिया इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस और ओरिएंटल इंश्योरेंस – की बाजार भागीदारी 59.4 फीसदी थी जो पिछले साल की समान अवधि में 60 प्रतिशत थी। शुरू में इन चारों बीमा कंपनियों को निजी क्षेत्र की कंपनियों के हाथों अपनी बाजार हिस्सेदारी लगातार खोनी पड़ी थी।
2007-08 में इन कंपनियों को पूर्ववर्ती साल की तुलना में 5 फीसदी से अधिक की बाजार भागीदारी से हाथ धोना पड़ा था। पिछले वित्तीय वर्ष की अप्रैल-फरवरी की अवधि के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का कुल प्रीमियम 2007-08 की समान अवधि की तुलना में 6 फीसदी तक बढ़ कर 17,636 करोड़ रुपये हो गया।
मौजूदा हालात में बाजार में अपनी पैठ बनाने के प्रयास में सभी बीमा कंपनियों ने फायर और इंजीनियरिंग सेगमेंट में 80-90 फीसदी डिस्काउंट की पेशकश की है। कई निजी कंपनियों को अपने बड़े ग्राहकों से हाथ धोना पड़ा है। उदाहरण के लिए, इफको टोकियो ने एफएमसीजी कंपनी यूनिलीवर को कई कंपनियों के कंसोर्टियम के हाथों खो दिया।
इस कंसोर्टियम में सार्वजनिक क्षेत्र की चार और निजी क्षेत्र की चार कंपनियां शामिल हैं। बीमा ब्रोकरों का कहना है कि आईसीआईसीआई लोंबार्ड, इफको टोकियो और बजाज आलियांज जैसी बड़ी निजी बीमा कंपनियों को भी अप्रैल के रिन्यूवल के दौरान भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
ऑप्टिमा इंश्योरेंस ब्रोकर के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल अग्रवाल कहते हैं, ‘सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों ने पिछले कुछ समय में अपनी आक्रामकता में इजाफा किया है और वे कंपनियों में अपना विश्वास बढ़ाने में सफल रही हैं।’

First Published - April 21, 2009 | 8:41 AM IST

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