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क्या मकान खरीदने का यह अवसर उपयुक्त है?

Last Updated- December 10, 2022 | 12:21 AM IST

पिछले दो महीनों में मकानों के संभावित खरीदारों के लिए तेजी से बहुत कुछ बदला है। बिल्डरों ने कीमतों में कटौती की आधिकारिक घोषणा करना शुरू कर दिया है और बैंकों, खास तौर से सरकारी, ने भी ब्याज दरें घटानी शुरू कर दी हैं।
उदाहरण के लिए, देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक ने एक साल के होम लोन की ब्याज दर घटा कर 8 प्रतिशत कर दिया है। इस ब्याज दर का लाभ 30 अप्रैल तक उठाया जा सकता है।
इस योजना की घोषणा करने से पहले भारतीय स्टेट बैंक की दरें (होम लोन के लिए) 8.5 प्रतिशत से 11 प्रतिशत के बीच थी और यह ऋण की राशि और ग्राहक के प्रोफाइल पर निर्भर करती थी। दिसंबर में घोषित एक योजना के तहत अन्य सरकारी बैंक पहले से ही विशेष दरों की पेशकश कर रहे हैं।
5 लाख रुपये तक के होम लोन के लिए ब्याज दरें 8.5 फीसदी तय कर दी गई हैं और 5 से 20 लाख रुपये तक के ऋण के लिए ब्याज दरें 9.25 फीसदी है। इसे साथ-साथ मुफ्त बीमा की पेशकश भी की जाती है।
निजी क्षेत्र के बैंक भी ब्याज दर कम करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं। होम लोन के क्षेत्र में सबसे बड़े ऋणदाता, एचडीएफसी, ने भी जनवरी मध्य से छूट देना शुरू किया है। इस विशेष योजना के अंतर्गत 30 लाख रुपये तक के होम लोन के लिए फ्लोटिंग ब्याज दरें 9.75 फीसदी है और 30 लाख से अधिक की राशि के लिए फ्लोटिंग दर 10.75 प्रतिशत है।
बिल्डर पहले ही कीमतों में कटौती करना चाह रहे हैं। देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के मालिक राजीव सिंह ने हाल ही में कहा था कि रियल एस्टेट में वर्चुअल मंदी है और कीमतों में 15 प्रतिशत तक की कमी हो सकती है।
बाजार के प्रदर्शन को देखते हुए डीएलएफ कीमतों में 15 प्रतिशत की कटौती करने की योजना बना रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके सस्ते आवास 2,000 रुपये से 2,500 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर पर लॉन्च किए जाएंगे।
देश की दूसरी सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक भी कोलकाता और दिल्ली (एनसीआर सहित) में कीमतों में छूट देने की योजना बना रहा है। मुंबई स्थित ऑर्बिट कॉर्पोरेशन ने भी अपनी प्रीमियम परियोजनाओं जैसे ऑर्बिट ग्रांडे और ऑर्बिट एटर्निया की कीमतों में 20 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की है क्योंकि दक्षिण और केंद्रीय मुंबई की कीमतों में 20 से 30 फीसदी की गिरावट आई है।
इन सबको देखते हुए क्या किसी व्यक्ति को जायदाद खरीदनी चाहिए?ऑनलाइन पोर्टल अपनापैसा डॉट कॉम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हर्ष रूंगटा के अनुसार ब्याज दर परिस्थितियां कुछ समय के लिए नरम बने रहने की संभावना है।  इसलिए, ब्याज दरों में कटौती से किसी व्यक्ति को ज्यादा प्रभावित नहीं होना चाहिए।
सरकारी बैंक अपनी ब्याज दरों में कटौती नहीं भी करते हैं तो निजी क्षेत्र के बैंक ऐसा कर सकते हैं। नोमुरा की अर्थशास्9ी सांनल वर्मा कहती हैं, ‘हमें पॉलिसी दरोंमें 1.5 फीसदी की कटौती की उम्मीद है। हमारा अनुमान है कि मार्च तक रेपो और रिवर्स रेपो दरों में आधा फीसदी की कटौती की जाएगी। जून के अंत तक दूसरी कटौती हो सकती है। इससे होम लोन की दरें निश्चित तौर पर प्रभावित होंगी।’
यद्यपि अधिकांश लोगों का मानना है कि जायदाद की कीमतों में अभी और कमी होगी। दूसरी तरफ बिल्डरों की सक्रियता को देखते हुए कुछ लोगों का मानना है कि जून के अंत तक कीमतें न्यूनतम स्तर पर होंगी। अधिकांश क्षेत्रों में कीमतें घट कर साल 2005 के अंत या साल 2006 की शुरुआत के स्तर पर पहुंच गई हैं।
इन क्षेत्रों में दिल्ली के गुड़गांव और नोएडा, बेंगलुरु का व्हाइटफील्ड और मुंबई के कांदिवली, मलाड, थाने और नवी मुंबई शामिल हैं। हालांकि, वास्तविकता यह है कि परिस्थितियां भले ही आकर्षक लगती हों लेकिन खरीदारों में उत्सुकता की कमी दिख रही है।
वैश्विक मंदी के कारण नौकरी जाने का भय इसकी सबसे बड़ी वजह है। बैंक ऑफ इंडिया के महानिदेशक (रिटेल) एस सी जैन का कहना है, ‘पैकेज के बावजूद खरीदारों की दिलचस्पी काफी कम है।’
नौकरी जाने का भय भी यथार्थ है। भारतीय निर्यात क्षेत्र की बात की जाए तो मंदी की वजह से मार्च तक इस क्षेत्र की लगभग 100 लाख नौकरियां जा रही है। ऊपर से ऑर्डर रद्द हो रहे है और लेन देन की लागत भी बढ़ी है।
अधिकांश कंपनियों ने कहा है कि वे नौकरियों में और कटौती करेंगी या फिर इस साल वेतन में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं होगी। इसके अतिरिक्त, यद्यपि ब्याज दरें घटाई गईं हैं, बैंकर काफी सावधानी बरत रहे हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कम दरों की पेशकश कर रहे हैं लेकिन अब मार्जिन मनी बढ़ा दी गई है। पहले, बैंक जायदाद की कीमता का 80 से 90 प्रतिशत ऋण खुशी-खुशी दे दिया करते थे। निजी क्षेत्र के कई बैंकों ने तो घरों की फर्निशिंग के लिए 100 फीसदी से अधिक भी ऋण उपलब्ध कराया था।
आज की तारीख में आपको जायदाद की कीमत का 20 से 30 प्रतिशत मार्जिन मनी के रूप में देना होगा क्योंकि बैंको को अंदेशा है कि आने वाले समय में जायदाद की कीमतों में और गिरावट आएगी। पात्रता के मानदंड में भी सख्ती की गई है।
अगर आपका कोई व्यक्तिगत ऋण चल रहा है या क्रेडिट कार्ड के डीफॉल्ट का मामला है तो अधिकांश बैंक आपके ऋण आवेदन को नामंजूर कर देंगे। अगर किसी चालू ऋण का भुगतान आप विलंब से कर रहे हैं तब भी ऋण के असवीकार किए जाने की संभावना बनती है।
इन सारे कारकों को देखते हुए निष्कर्ष यही निकलता है कि परिस्थितियां कुछ बेहतर हैं। लेकिन, जायदाद की कीमतों में और गिरावट के संकेतों तथा अधिक मार्जिन मनी जमा कराने के मामले को देखते हुए आप कुछ समय तक इंतजार कर सकते हैं।
हालांकि, अगर आपको घर खरीदना ही है और कोई मकान बजट में पसंद भी आ गया है तो यह बेहतर सौदे का उपयुक्त अवसर है। लेकिन थेड़ी सतर्कता बरतें। विशेषज्ञों का अनुमान है कि निर्माणाधीन परियोजनाओं में विलेब हो सकता है और अगर डेवलपर को वक्त पर फंड उपलब्ध नहीं हो पाता है तो ऐसी परियोजनाएं खत्म भी की जा सकती है।
ऐसी परियोजनाओं को तरजीह दें जो या तो पूर्ण हो चुकी हों या फिर जो जल्दी ही संपन्न होने वाली हों। वैसी योजनाओं से दूर रहे जिनमें तीन महीने से अधिक का विलंब होने वाला हो।

क्यों खरीदें
डीएलएफ जैसे डेवलपर अधिकारिक तौर पर कीमतों में 15 फीसदी की कटौती की घोषणा कर चुके हैं
बैंक होम लोन ब्याज दरों की विशेष योजनाएं चला रहे हैं
वर्तमान बाजार में डेवलपर से मोल-जोल कर बेहतर सौदा किया जा सकता है
क्यों नहीं खरीदें
नकदी की कमी के कारण जायदाद की कीमतों में और अधिक गिरावट हो सकती है
बैंक जायदाद की कीमत के 75 से 80 फीसदी का ऋण उपलब्ध करा रहे हैं

First Published - February 8, 2009 | 8:50 PM IST

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