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महंगे हैं आभूषण, कराएं उनका बीमा

Last Updated- December 10, 2022 | 8:07 PM IST

सोने की कीमतों में बढोतरी को देखते हुए निवेशकों का रुझान इस तरफ बढ़ा है।
आभूषणों के साथ-साथ एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) में निवेशकों ने अच्छा खासा निवेश किया है। लेकिन, आभूषणों की खरीदारी करने वालों के लिए थोड़ी समस्या उसके सुरक्षित रख रखाव से जुड़ी हुई है।
आभूषणों की सुरक्षा के लिए बीमा की खरीदारी जरूरी है। आभूषण में निवेश करने वालों को उपयुक्त रख रखाव सुविधा खास तौर से बैंक लॉकर की व्यवस्था करनी होती है। बीमे की बात करें तो अधिकांश लोगों का
मानना होता है कि यह आग और चोरी का कवर होता है या इन दोनों का होना पर्याप्त है।
घर के बीमा के अंतर्गत ये दोनों कवर प्राकृतिक विपदाओं और चोरी के विरूध्द सुरक्षा उपलब्ध कराते हैं। हालांकि, एकमात्र इस पॉलिसी का होना पर्याप्त नहीं हो सकता है। चोरी के कवर के अंतर्गत सेंधमारी, चोरी आदि का बीमा होता है जबकि आग के बीमा के अंतर्गत केवल आग ही नहीं बल्कि अन्य प्राकृतिक विपदाओं को भी कवर किया जाता है। लेकिन दोनों मिला कर भी काफी नहीं हैं।
उदाहरण के लिए, आग का बीमा घर से बाहर के लिए नहीं होता है। अब ऐसे में क्या किया जाना चाहिए?
सबसे बढ़िया है कि आप आभूषणों के लिए सभी जोखिमों वाली पॉलिसी लें। घर की पॉलिसी की धारा 3 के अंतर्गत बताया गया है कि आभूषण के बीमा कवर में सभी जोखिमों को शामिल किया गया है। आभूषणों को दुर्घटना या संभाल कर रखने, पहनने या कहीं ले जाने के दौरान (भारत के अंदर) पहुंची किसी तरह की क्षति इस प्रकार के बीमा की सीमा में आती है। इसके कई लाभ हैं।
उदाहरण के तौर पर, अगर आप धोखे से अपने आभूषणों को कमरे में छोड़ जाते हैं और उनकी चोरी हो जाती है तो आभूषणों की बीमा पॉलिसी यहां सुरक्षा प्रदान करेगी क्योंकि इसके अंतर्गत सभी जोखिमों को कवर किया जाता है। अगर आभूषणों को बंद कार में रखा जाता है और उसकी चोरी हो जाती है तो आभूषण का मालिक बीमे का हकदार होता है। अपने मूल्यवान चीजों को सुरक्षित रखने के लिए बैंक लॉकरों के इस्तेमाल के दौरान भी यह पॉलिसी बनी रहती है। बैंक लॉकर में रखे आभूषणों को निकाल कर लाते समय चोरी हो जाने की दशा में इस पॉलिसी का लाभ मिलेगा।
आभूषण का बीमा आपके साथ-साथ आपके बच्चों और माता-पिता को भी कवर उपलब्ध करा सकता है। इन सभी की मूल्यवान वस्तुओं के लिए एक ही बीमा पॉलिसी ली जा सकती है। शर्त एक ही है कि प्रत्येक व्यक्ति उस घर में स्थायी तौर पर रहता हो। अगर आपको लगता है कि यह पॉलिसी ज्यादा महंगी है तो हम आपको कुछ तरीके बताते हैं।
आप केवल उन्हीं आभूषणों के लिए प्रीमियम दें जो घर पर पड़े हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपने तीन लाख के गहनों के लिए बीमा पॉलिसी लिया हुआ है लेकिन घर पर केवल 50,000 रुपये के आभूषण रखते हैं तो केवल 50,000 रुपये के लिए बीमा कवर की खरीदारी करें।
एक दूसरा विकल्प भी उपलब्ध है। उदाहरण के लिए, पांच साधारण पॉलिसियां- आभूषण, आग, घरेलू उपकरण, चोरी और असबाब- लेने पर आभूषण के बीमे पर आपको 15 प्रतिशत की छूट दी जाती है। यह आवश्यक है कि आभूषण का बीमा आभूषणों के उचित मूल्य को कवर करता हो, अन्यथा समस्याएं हो सकती हैं।
मान लीजिए कि किसी व्यक्ति ने अपने घर पर 2 लाख रुपये के जेवर रखा हुआ है और वह बीमा केवल एक लाख रुपये का कराता है और बाद में 50,000 रुपये के आभूषणों की चोरी हो जाती है। बीमा कंपनी घर में रखे गए और चोरी हुए गहने के अनुपात पर विचार करेगी। इसके अनुसार, बीमा कराने वाले व्यक्ति को मात्र 25,000 रुपये ही मिल सकते हैं।
कुछ महत्वपूर्ण बातें
अगर घर का नौकर आभूषणों की चोरी करता है तो बीमा कंपनी पैसे नहीं दे सकती है क्योंकि नौकर को कर्मचारी समझा जाता है।
कुछ बीमाकर्ता आपके बैंक लॉकर को कवर नहीं करते। कुछ अन्य बीमाकर्ता विशेष बैंकों में रखे गए रत्न एवं आभूषणों को ही कवर उपलब्ध कराते हैं।
सेट से अलग के आभूषणों का उल्लेख विशिष्ट तौर किया जाना चाहिए। अगर इस प्रकार का जिक्र नहीं किया गया तो बीमा नहीं दिया जाएगा।
अपने आभूषणों का खयाल रखें और उन्हें बेहतर स्थिति में रखें। टूटे या घिसे गहनों पर बीमा पॉलिसी नहीं दी जाती है।
मरम्मत या सफाई के दौरान हुई क्षति के दावों को बीमा कंपनियां स्वीकार नहीं करती हैं। उदाहरण के लिए अगर हीरा या कोई अन्य मूलयवान रत्न सफाई के दौरान गिर कर क्षतिग्रस्त हो जाए तो इसकी क्षतिपूर्ति बीमा कंपनी नहीं करेगी।

First Published - March 15, 2009 | 11:30 PM IST

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