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जानिए क्या हैं वृध्दि के मापदंड

Last Updated- December 07, 2022 | 7:06 PM IST

शेयरों को पहचानने के लिए वित्तीय अनुपात महत्वपूर्ण तरीका है। पिछले हफ्ते हमने प्राइस अर्निंग रेशियो (पीई रेशियो) को कवर किया था। इस हफ्ते हम प्राइस अर्निंग रेशियो की जगह प्राइस अर्निंग ग्रोथ (पीईजी) रेशियो को देखेंगे।


पीई रेशियो की तरह पीईजी रेशियो का इस्तेमाल भी किसी कंपनी के शेयर मूल्य जानने के लिए किया जा सकता है।  इससे यह जाना जा सकता है कि कंपनी का शेयर उचित मूल्य पर है या जरूरत से ज्यादा महंगा या फिर सस्ता। पीआरजी रेशियो में किसी शेयर की कीमत अर्निंग ग्रोथ को ध्यान में रखकर आंकी जाती है। इस अनुपात को आंकने का सूत्र है-

पीईजी रेशियो =प्राइस अर्निंग रेशियो  सालाना ईपीएस (अर्निंग पर शेयर) ग्रोथ

पीईजी रेशियो में कंपनी के पीई रेशियो का इस्तेमाल किया जाता है और उसकी तुलना उस कंपनी की सालाना ग्रोथ रेट से की जाती है। यदि कंपनी का शेयर उचित कीमत पर होता है तो पीई रेशियो कंपनी की सालाना ग्रोथ रेट के बराबर होना चाहिए। उदाहरण के लिए

एबीसी के शेयर की कीमत: 3,000 रुपए
पीई रेशियो: 20 प्रति शेयर
आय प्रति शेयर: 150

हालांकि कंपनी के 20 फीसदी सालाना की गति से बढ़ने का अनुमान है जिसका मतलब है कि उसका अनुमानित ईपीएस ग्रोथ 20 है। इस तरह एबीसी का पीईजी 2020 या एक होगा। यदि किसी कंपनी का पीईजी रेशियो एक है तब इस कंपनी के शेयर को उचित मूल्य पर कह सकते हैं। इसका मतलब है कि बाजार में शेयर का मूल्य कंपनी की सालाना ईपीएस ग्रोथ रेट को पूरी तरह व्यक्त करता है।

यह एक तर्कसंगत विश्लेषण है और प्रत्येक व्यक्ति को विश्वास होगा कि सभी बाजार तर्कसंगत और प्रकृति में किफायती हैं। इसलिए ईपीएस ग्रोथ को कीमत व्यक्त करना चाहिए। हालांकि बाजार किफायती नहीं होने से ज्यादातर समय शेयर या तो महंगे या सस्ते होते हैं।

इसी तरह किसी शेयर का पीईजी रेशियो एक से कम है तो इसका मतलब है कि शेयर अंडरप्राइस्ड या अंडरवैल्यूड है। लेकिन इसका यह भी मतलब हो सकता है कि बाजार अनुमान से भी ईपीएस ग्रोथ की आशा कर रहा है। ठीक इसी प्रकार यदि किसी कंपनी का पीईजी रेशियो एक से ज्यादा है तो इसका मतलब है कि शेयर ओवरप्राइस्ड हो सकता है। लेकिन बाजार इस रेशियो के एक के करीब आने और उचित मूल्य पर आने जाने की आशा करता है।

ग्रोथ स्टॉक जैसे आईसीआईसीआई बैंक या पुंज लॉयड का परंपरागत रूप से ऊंचा पीईजी रेशियो होता है क्योंकि निवेशक उस शेयर के लिए ज्यादा देने के लिए भी तैयार होते हैं जो तेजी से बढ़ रहा है। इसी समय हीरो होंडा का ऊंचा पीईजी रेशियो होता है। यहां पर प्रत्येक कंपनी की ईपीएस का अनुमानित बढ़त जानना जरूरी है। यह निवेशकों का किसी शेयर के प्रति नजरिया होता है जो इसकी वैल्यूएशन और पीईजी रेशियो को निर्धारित करता है।

निवेशक शेयर बाजार में शेयर के कारोबार को गंभीरता से लेते हैं। परिणामस्वरूप आय का अनुमान कम होने के बावजूद कीमतें कई वजहों से स्थिर होती हैं। इसी तरह वैल्यू स्टॉक का पीईजी रेशियो  कम होता है क्योंकि निवेशकों के सामने ऐसे शेयरों की संभावनाएं अभी आनी होती हैं। बाजार के हालात निवेशक को किसी शेयर की भविष्य की अर्निंग ग्रोथ के बारे में सोचने के लिए मजबूर करते हैं।

उदाहरण के लिए यद्यपि बैंकिंग शेयरों की अच्छी संभावनाओं पर अधिकांश विश्लेषक सहमत हैं लेकिन ब्याज दरों के मौजूदा दबाव ने बैंकिंग शेयरों को काफी नुकसान पहुंचाया है जहां उनका कारोबार काफी कम कीमतों पर हो रहा है। जैसा कि टेबल से दिखता है कि बैंक ऑफ इंडिया और सेसा गोवा के शेयरों को अंडरवैल्यूड कहा जा सकता है।

अभी तक इन शेयरों पर कुछ निवेशकों की निगाह ही पड़ी है क्योंकि बाजार भी रुझान से ही चलता है जिससे शेयरों की कीमतों में पेंडुलम जैसी गति होती है। लेकिन पीई रेशियो की तरह पीईजी रेशियो को संभावनाएं परखने के लिए सिर्फ एक वजह के रुप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। यह फंडामेंटल्स के अतिरिक्त शेयर के टेक्नीकल चार्ट और पैरामीटर का एक और सूचक होना चाहिए।

एक बार आपने उस कंपनी का पीईजी रेशियो पता कर लिया जिसे आप खरीदना चाहते हैं तो उस सेक्टर की सभी कंपनियों के पीईजी रेशियो की ओर देखें। उदाहरणस्वरुप टेलीकॉम उद्योग में अधिकांश कंपनियों का ऊंचा पीईजी रेशियो है। इसलिए यदि कुछ कंपनियां ऊंचे आंकड़े प्रदर्शित नहीं करती हैं तो विस्तार से जानने की जरुरत है। इसी तरह कुछ कंपनियों का पीईजी रेशियो नहीं होगा।

और इस तरह से इन सभी मानकों से आप अपने पोर्टफोलियो और जोखिम लेने की क्षमता के अनुकूल शेयर का चयन करने में ज्यादा सक्षम हो सकते हैं। लेकिन यहां यह जरूरी है कि आप एक या दो पैरामीटर का प्रयोग न करें। किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले विभिन्न पैरामीटर पर शेयर को परखें।
लेखक निदेशक एवं वित्तीय सलाहकार हैं।

First Published - September 1, 2008 | 12:21 AM IST

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