बैंक शेयरों की तेजी थमती नहीं दिख रही है, क्योंकि पिछले सप्ताह लगातार तीसरे दिन निफ्टी बैंक सूचकांक में तेजी दर्ज की गई। आरबीएल बैंक, इंडसइंड बैंक और ऐक्सिस बैंक जैसे कई शेयर बुधवार को 3-7.5 प्रतिशत के बीच चढ़े और अब वे पिछले साल के नुकसान को दूर करने के करीब हैं। दिसंबर तिमाही के परिणाम के बाद कई बैंकों के लिए ब्रोकरेज फर्मों ने उनकी आय के लक्ष्य कम से कम 15 प्रतिशत तक बढ़ा दिए हैं।
लेकिन बाजार की मौजूदा तेजी के बीच रिटेल सेगमेंट में बढ़ रहे दबाव को नजरअंदाज किया जा रहा है। आईसीआईसीआई बैंक, ऐक्सिस बैंक और आरबीएल बैंक ने एनपीए पर सेगमेंट स्तर का डेटा दर्ज किया है जिससे संकेत मिलता है कि रिटेल सेगमेंट में दबाव कई बैंकों के लिए 10 वर्षीय ऊंचाई पर है। आईडीएफसी फस्र्ट बैंक ने परिसंपत्ति वर्गीकरण पर सर्वोच्च न्यायालय की रोक को ध्यान में रखे बगैर 3.88 प्रतिशत रिटेल सकल एनपीए दर्ज किया है, जो इस बैंक द्वारा अब तक दर्ज किया गया सर्वाधिक एनपीए है। ऐक्सिस बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी अमिताभ चौधरी ने मीडिया के साथ बातचीत में स्पष्ट किया कि किसी कानूनी कदम के लिए बाध्य करने की अक्षमता दिसंबर तिमाही में एक बड़ी समस्या थी, जिसकी वजह से ज्यादा रिटेल एनपीए दर्ज किया गया। आईसीआईसीआई बैंक के अध्यक्ष संदीप बक्शी ने कहा कि दिसंबर मोरेटोरियम के बगैर पहली तिमाही होने से दबाव खासकर रिटेल ऋणों पर ज्यादा देखा गया।