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स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का किस्तों में भुगतान महंगा

Last Updated- December 15, 2022 | 7:54 PM IST

किस्तों में स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम भुगतान करने वाले पॉलिसीधारकों को एकमुश्त भुगतान करने वालोंं की तुलना में पॉलिसी महंगी पड़ेगी। ऐसा इसलिए है, क्योंकि बीमाकर्ता किस्तों के माध्यम से प्रीमियम भुगतान करने वालों पर 3-4 प्रतिशत नोडल चार्ज लगा रहे हैं।
अब तक बीमाकर्ता स्वास्थ्य योजनाओं पर सालाना हिसाब से प्रीमियम लेते थे। अब किस्तों में भुगतान के कारण बीमकर्ताओं की निवेश राशि प्रभावित होगी, क्योंकि उन्हें बाजार में निवेश पर मिलने वाले रिटर्न पर एक मोटी राशि गंवानी पड़ेगी। साथ ही उन्हें मासिक किस्त एकत्र करने व इसका रिकॉर्ड रखने पर भी धन खर्च करना पड़ेगा।
नियामक ने इस शुल्क की कोई सीमा तय नहीं की है। उद्योग के सूत्रों ने कहा कि बीमाकर्ता किस्तों में भुगतान करने वालों से 3 से 4 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क ले सकते हैं। साथ ही सभी बीमा कंपनियां अभी अतिरिक्त शुल्क नहीं ले रही हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि देर सबेर सभी ऐसा करेंगी।
भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने इसकी सीमा नहीं तय की है क्योंकि हमें भरोसा है कि बाजार की प्रतिस्पर्धा इसे सीमित रखेगी। क्योंकि सभी कंपनिया किस्तों में प्रीमियम के भुगतान की सहूलियत देंगी, ऐसे में फर्मों से उम्मीद की जाती है कि देरी से भुगतान पर वे ज्यादा पैसे नहीं लेंगी। सामान्यतया अतिरिक्त शुल्क दी गई उस अवधि के लिए मिलने वाली ब्याज दर से ज्यादा नहीं होगा।’
बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस के हेड, रिटेल अंडरराइटिंग गुरदीप सिंह बत्रा ने कहा, ‘किस्तों में भुगतान की स्थिति में ईएमआई के प्रबंधन पर आने वाले खर्च और निवेश की संभावनाओं के नुकसान की भरपाई के लिए 2 से 3 प्रतिशत नोडल चार्ज लग सकता है। निवेश से होने वाली आमदनी के नुकसान और वित्तीय व्यय की भरपाई हम नोडल चार्ज से करने जा रहे हैं, जो किस्तों में प्रीमियम संग्रह पर लगेगा।’

First Published - June 10, 2020 | 11:35 PM IST

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