भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने गुरुवार को गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों से कहा कि वे ग्राहकों के साथ उचित व्यवहार सुनिश्चित करें और शिकायतों के तत्काल निवारण के लिए एक प्रणाली बनाएं। रिजर्व बैंक के गवर्नर ने सरकारी गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी), आवासीय वित्त कंपनियों और सूक्ष्म-वित्त संस्थानों सहित सभी स्तरों पर चुनिंदा एनबीएफसी कंपनियों के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ मुलाकात में यह बात कही।
बैठक में शामिल एनबीएफसी कंपनियों की कुल एनबीएफसी क्षेत्र में लगभग 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि मल्होत्रा ने छोटे व्यवसायों और विशिष्ट क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्ध कराने के मामले में एनबीएफसी की भूमिका रेखांकित की। रिजर्व बैंक और एनबीएफसी के बीच आवश्यक सहयोग के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए गवर्नर ने समावेशी विकास, ग्राहक संरक्षण और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए वृद्धि आकांक्षाओं को ठोस प्रथाओं के साथ संतुलित करने पर जोर दिया।
रिजर्व बैंक ने कहा, ‘गवर्नर ने ग्राहकों के साथ उचित व्यवहार सुनिश्चित करने और त्वरित शिकायत निवारण प्रणाली लागू करने के महत्त्व को भी रेखांकित किया।’ वित्तीय समावेशन की दिशा में अपने योगदान को आगे बढ़ाने के लिए एनबीएफसी से आग्रह करते हुए, गवर्नर ने उनसे रिजर्व बैंक द्वारा स्थापित किए जा रहे यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस का हिस्सा बनने का अनुरोध किया। संवाद सत्र के दौरान प्रतिभागियों ने क्षेत्र, विभिन्न उद्योग-स्तरीय पहलों और रिजर्व बैंक से अपनी अपेक्षाओं पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की।