भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्राहक को जानें (केवाईसी) के रिकॉर्ड की जरूरतों को सख्त बनाकर विनियमित संस्थाओं द्वारा घरेलू धन हस्तांतरण सेवाओं के लिए नियामकीय ढांचे में सुधार किया है। ढांचे में ये बदलाव रकम हस्तांतरण के लिए विभिन्न सेवाओं की हाल ही में की गई समीक्षा के आधार पर किया गया है।
अधिकृत भुगतान प्रणाली सेवाप्रदाताओं से रिजर्व बैंक ने कहा है कि रुपये भेजने वाले बैंक को लाभार्थी के नाम और पते की जानकारी होनी चाहिए। हर लेनदेन को अतिरिक्त फैक्टर ऑफ ऑथेंटिकेशन के जरिये सत्यापित करना चाहिए।
घरेलू धन हस्तांतरण को विनियमित करने के लिए साल 2021 में नियम पेश किए गए थे। तब से बैंक शाखाओं की उपलब्धता, भुगतान प्रणालियों में वृद्धि और केवाईसी आवश्यकताओं को पूरा करने में आसानी में भारी इजाफा हउआ है। नियामक ने कहा कि अब उपयोगकर्ताओं के पास रकम भेजने के लिए कई डिजिटल विकल्प हैं।
रिजर्व बैंक ने कहा कि रकम भेजने वाले बैंक/ बिजनेस कॉरेसपॉन्डेंट्स एक सत्यापित फोन नंबर और स्वसत्यापित आधिकारिक वैध प्रमाणपत्र (ओवीडी) के जरिये प्रेषक पंजीकृत करेंगे। जो बैंक धनराशि भेजेंगे उन्हें आईएमपीएस अथवा एनईएफटी लेनदेन में संदेश के तौर पर प्रेषक की जानकारी शामिल करनी होगी।