भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपने दायरे में आने वाले संस्थानों के लिये स्व नियामक संगठनों (SRO) को मान्यता देने को लेकर एक व्यापक रूपरेखा जारी करेगा। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा, ‘‘केंद्रीय बैंक ने नियमन के दायरे में आने वाले संस्थानों के लिये SRO को मान्यता देने को लेकर व्यापक रूपरेखा जारी करने का निर्णय किया है।’’
SRO एक गैर-सरकारी संगठन है। यह ग्राहकों के हितों की रक्षा और नैतिकता और पेशेवर रुख को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उद्योग (सदस्य इकाइयों) में कामकाज से संबंधित नियमों और मानकों को निर्धारित और लागू करता है। रिजर्व बैंक ने अपने सदस्यों के बीच अनुपालन संस्कृति को मजबूत करने और नीति निर्माण के लिये एक परामर्श मंच प्रदान करने में स्व-नियामक संगठनों की संभावित भूमिका को देखते हुए यह कदम उठाने का फैसला किया है।
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RBI की व्यापक SRO रूपरेखा विभिन्न उद्देश्यों, कार्यों, पात्रता मानदंड, संचालन मानकों आदि को निर्धारित करेगी। यह किसी भी क्षेत्र से जुड़े SRO के लिए समान होगा। केंद्रीय बैंक ऐसे SRO को मान्यता देने के लिये आवेदन आमंत्रित करते समय क्षेत्र से संबंधित अतिरिक्त शर्तें निर्धारित कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि गवर्नर दास ने हाल ही में वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिये स्व-नियामक संगठन की बात कही थी। SRO निगरानी निकाय के रूप में कार्य कर सकता है और सदस्यों को जिम्मेदार और उपयुक्त गतिविधियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। यह नियामक और बाजार प्रतिभागियों के बीच एक संपर्क प्रदान कर सकता है। RBI SRO के लिये व्यापक रूपरेखा पर संबंधित पक्षों की राय जानने के लिये मसौदा जारी करेगा।