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कहते हैं विश्लेषक

Last Updated- December 07, 2022 | 9:41 AM IST

लार्सन एंड टुर्बो


सिफारिश : 2,140 रुपये
मौजूदा मूल्य : 2,234.05 रुपये
लक्ष्य : 3,034 रुपये
बढ़त : 35.8 प्रतिशत


ब्रॉकरेज : एमके  शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर


भारत में इंजीनियरिंग क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी लार्सन एंड टुर्बो औद्योगिक जगत की मांग पूरी करने में पूरी तरह सक्षम है। एल ऐंड टी फिलहाल 52,700 करोड़ रुपए के बैकलॉग ऑर्डर के साथ बेहतर स्थिति में पहुंच चुकी है जो उसके कारोबारी साल 2008 के 2.2 गुना राजस्व के बराबर है।


ऐसी उम्मीद की जा रही है कि उसकी ऑर्डर बुक में यह फ्लो बना रहेगा। कैपेक्स में जारी इजाफा और हाइड्रोकार्बन और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में असेट में हो रहा इजाफा इसकी अहम वजह है।


 नतीजतन इसके ऑर्डर बैकलॉग और रेवन्यू का रेशियो साल 2008-10 के बीच 2.1 से 2.2 गुना रहने की उम्मीद है।  वित्त वर्ष 2008 में एलऐंडटी का प्रदर्शन अनुमान से कम रहा।


इसका प्रमुख कारण कमोडिटी हेजिंग में घाटा और इसकी सहायक कंपनी एलऐंडटी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी का अच्छा प्रदर्शन न कर पाना रहा।


एलऐंडटी पश्चिम एशिया में अपनी संभावनाओं को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है जो कि भारत में होने वाले किसी घाटे से निपटने में इसकी मदद करेगा।


एलऐंडटी कच्चे पदार्थों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के बावजूद अपने करारों में प्राइस एस्केलेशन क्लॉज रखने की वजह से मार्जिन बनाए रखने की उम्मीद कर रही है।


इस कारण स्टेंड एलोन अर्निंग्स (ईपीएस) के अनुमानों को संशोधित कर 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 84.7 करोड़ रुपये और 104.4 करोड़ रुपये क्रमश: वित्त वर्ष 2009 और 2010 के लिए रखे गए हैं।


हालांकि इसकी कंसॉलिडेटेड अर्निंग्स में वित्त वर्ष 2009 और 2010 के लिए संशोधित कर 7 प्रतिशत और 15 फीसदी घटा दिए गए हैं जिससे यह अब यह क्रमश: 107 करोड़ रुपये और 134 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है।


ब्रोकरेज हाउस ने इस स्टॉक की रेटिंग बढ़ा कर एकुमुलेट (इकट्ठा करें) से बाई  (खरीदें) कर दी है और इसका टारगेट 3034 रखा है।


आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स


सिफारिश :149 रुपये
मौजूदा मूल्य :151.75 रुपये
लक्ष्य मूल्य : 246 रुपये
बढ़त : 62.1 प्रतिशत
ब्रॉकरेज : पिंक रिसर्च


आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स लिमिटेड (आईआरबी) मुंबई स्थित इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और कंस्ट्रक्सन कंपनी है जिसे कांट्रेक्टर और ऑपरेटर दोनों के रूप में सड़क और राज्यमार्गों के निर्माण का अनुभव है।


 कंपनी के दो बिजनेस वर्टिकल हैं, पहला रोड बिल्ड-ऑपरेटर-ट्रांसफर (बीओटी)प्रोजेक्ट्स और दूसरा इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन डिवीजन। पूरी तरह से एकीकृत कंपनी होने के कारण आईआरबी लागत और रखरखाव पर होनेवाले खर्च पर बेहतर नियंत्रण रख पाती है और अपनी परियोजनाओं को समय पर पूर कर पाने में सक्षम हो पाती है।


 फिलहाल आईआरबी के पास 14 बीओटी परियोजनाएं हैं जिनसे प्रतिदिन का कलेक्शन 1.35 करोड़ रुपये का है।


वित्त वर्ष 2010 तक आईडीएए और सूरत-दहिसर के पूरी तरह काम शुरू कर देने से यह कलेक्शन बढ़कर 3 करोड़ रुपये प्रतिदिन तक पहुंच जाने की उम्मीद है।


ऑपरेशनल रोड एसेट्स से निरंतर राजस्व की प्राप्ति होने से कंपनी के वित्त वर्ष 2008 से 11 के बीच कुल बिक्री में सीएजीआर 56 प्रतिशत और शुध्द मुनाफे में 83 प्रतिशत के बढ़ोतरी की उम्मीद कर रही है।


 149 के भाव पर कंपनी 7.7 मल्टिपल पीई पर कारोबार कर रही है और 2010 की अर्निंग्स के हिसाब से इसका ईवीइबिटा 5.6 गुना है। इन सबको को देखते हुए इसका सही वैल्युएशन 246 रुपए पर है और इसमें खरीद करने की सिफारिश की गई है।


फाइजर


सिफारिश : 551 रुपये
मौजूदा मूल्य : 553.80 रुपये
लक्ष्य मूल्य : 732 रुपये
बढ़त : 32.2 प्रतिशत
ब्रॉकरेज : प्रभुदास लीलाधर


फाइजर ने इस वर्ष फरवरी 2008 में अपनी पहली पेटेंट की हुई एंटी-स्मोकिंग दवा चैमपिक्स पेश की। इस दवा का आयात जर्मनी से किया जाएगा और इसकी मार्केटिंग फाइजर करेगी।


दूसरी दवाओं की तरह इसमें निकोटिन का इस्तेमाल नहीं होता और अमेरिका में इसकी सफलता की दर 44 प्रतिशत है।


इसके अलावा कंपनी ने साइक्लोकेप्रोन बाजार में उतारी है जो शल्य क्रि या के दौरान रक्त का बहाव कम करती है। फाइजर केनियमित अंतराल पर नई दवाओं के बाजार में उतारने से कंपनी के फ्यूचर ग्रोथ में बढ़ोतरी होने की गुंजाइश है।


 विश्व स्वास्थ्य संगठन की आवश्यक दवा की सूची के मुताबिक सरकार मूल्य नियंत्रण केतहत दवा की संख्या 74 से बढ़ाकर 354 करना चाहती है ।


इस कदम से कंपनी की दवा की बिक्री और इससे होनेवाला लाभ दोनों प्रभावित हो सकता है। कंपनी वित्त वर्ष 2007-09 के बीच अपनी कुल बिक्री में सीएजीआर 7 प्रतिशत और शुध्द मुनाफेमें सीएजीआर 14 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद  कर रही है।


नए उत्पादों के बाजार में उतारने से इसके इबीआईडीटीए मार्जिन वित्त वर्ष 2007 के 22.5 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2009 में 24.7 प्रतिशत तक पहुंच जाने की उम्मीद है।


551 रुपए पर यह शेयर 2009 के लिए 9.8 के मल्टिपल पर कारोबार कर रहा है और इसका ईपीएस 56.3 रुपए है। हाउस इसमें खरीद की सलाह देता है।


टाटा स्टील


सिफारिश : 729 रुपये
मौजूदा मूल्य : 657.45 रुपये
लक्ष्य मूल्य : 870 रुपये
बढ़त : 32.3 प्रतिशत
ब्रॉकरेज : इंडिया इंफोलाइन


 पिछले छह महीनों में यूरोप के बाजारों में स्टील की कीमतों में 45 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। विश्व की छठी सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी टाटा स्टील ने वित्त वर्ष 2009 में कोरस की लागत में 230 यूरो प्रति टन की बढ़ोतरी केसंकेत दिए हैं।


कंपनी ने कीमतों में इसी तरह की बढ़ोतरी 11 जुलाई 2008 तक की है जिससे लागत में इजाफे से होने वाले नुकसान की भरपाई होने की उम्मीद है। कंपनी के वित्त वर्ष 2009 की पहली तिमाही के मुनाफे में कमी हो सकती है लेकिन दूसरी तिमाही में प्रदर्शन बेहतर होने की उम्मीद है।


 टाटा कंपनी ने इस वर्ष मई 2008 में अपने नए एच-ब्लास्ट फर्नेस को कमीशन किया है। कंपनी को उम्मीद है कि इस फर्नेस की मदद से वित्त वर्ष 2009 में बेचे जाने वाले स्टील के उत्पादन में प्रतिवर्ष 8 लाख टन की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।


इसके अलावा कंपनी इसी वित्त वर्ष में 3 लाख टन पिग आयरन सालाना बेचेगी। वित्त वर्ष 2009 में पूंजी पर होनेवाला खर्च 2 अरब डॉलर रहने की उम्मीद है। कंपनी को कलिंगनगर में कंस्ट्रक्शन का काम अगले दो महीनों में शुरू होने की उम्मीद है।


 कंपनी का मौजूदा वैल्युएशन देखें तो इसका पीई 6.7 गुना है जबकि ईवी-इबिटा 5.6 गुना है और दूसरी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की तुलना में इसका पीई 33 फीसदी डिस्काउंट पर है जो आकर्षक है।


इंडिया सीमेंट्स


सिफारिश : 137 रुपये
मौजूदा मूल्य : 124.80 रुपये
गिरावट : उपलब्ध नहीं
ब्रॉकरेज : एडलवायस सिक्योरिटीज
इंडिया सीमेंट दक्षिण भारत  की प्रमुख सीमेंट निर्माता कंपनी है। वित्त वर्ष 2008 में इसके कुल निर्माण का 92 प्रतिशत हिस्सा इसी क्षेत्र में रहा।


कंपनी के  पास सात प्लांट हैं जिनकी वर्तमान क्षमता 99 लाख टन प्रति वर्ष है। वित्त वर्ष 2008 की  चौथी तिमाही में इंडिया सीमेंट का प्रदर्शन आशानुरूप नहीं रहा। इसका मुख्य कारण कर्मचारियों पर होनेवाला खर्च और अन्य खर्चों में बढ़ोतरी रही।


अधिक लागत खर्च के कारण इसका इबीआईटीडीए मार्जिन 200 बेसिक प्वाइंट घटकर 31 प्रतिशत तक पहुंच गया। ऐसा अनुमान है कि इंडिया सीमेंट का वित्त वर्ष 2009 में कुल उत्पादन 140 लाख टन प्रति वर्ष रहेगा। इस क्षेत्र के लिए संभावनाएं फिलहाल उत्साहजनक नहीं लगती हैं।


खर्च में हुई बढ़ोतरी के बाद सीमेंट कंपनियों को मनचाही कीमत मिलने की उम्मीद कम है। कीमतों में गिरावट और निर्माण खर्च बढ़ जाने केकारण इबीआईटीडीए मार्जिन वित्त वर्ष 2008 के 35.5 प्रतिशत के मुकाबले वित्त वर्ष 2010 में घटकर 27.4 प्रतिशत रह जाने का अनुमान है।


ब्रोकर हाउस ने इस शेयर की रेटिंग घटाते हुए इसे इकट्ठा न करने के बजाय बेचने की सलाह दी है।

First Published - July 7, 2008 | 12:20 AM IST

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