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कहते हैं विश्लेषक

Last Updated- December 07, 2022 | 7:07 PM IST

ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज
सिफारिश: 1425 रु.
मौजूदा भाव: 1440 रु.
लक्ष्य: उपलब्ध नहीं
ब्रोकर: मोतीलाल ओसवाल


ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज ग्रोथ के लिए तिहरी रणनीति अपना रही है जिसमें ब्रांड बिल्डिंग, उत्पाद और मार्केटिंग चैनलों का विस्तार और संचालन क्षमता बढ़ाना शामिल है। अब कंपनी अपने सभी उत्पादों पर ध्यान दे रही है और पहले जैसी बात नहीं है जब वह केवल निचले स्तर और प्रीमियम वाले उत्पादों पर ही जोर देती थी।

कंपनी की चेन्नई में 7-8 एकड़ और मुंबई की 5 एकड़ की जमीन काफी कीमती है। ब्रिटानिया न्यूजीलैंड फूड्स में कंपनी की 49 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी ने गेहूं, खाद्य तेल और चीनी के भावों में तेजी से निपटने के लिए अपने उत्पादों की कीमतें 2-12 फीसदी तक बढ़ा दी हैं।

कंपनी अपनी लागत कम रखने के लिए अपने 70-80 फीसदी उत्पादों की कॉन्ट्रैक्ट सप्लाई करती है। कंपनी को उम्मीद है कि साल 2009 में वॉल्यूम में 7 से 9 फीसदी की ग्रोथ और टन (भार में) 5 फीसदी की ग्रोथ हो सकेगी। 2010 में यह ग्रोथ 5 से बढ़कर 7.2 फीसदी होने की उम्मीद है।

कंपनी लाइफस्टाइल उत्पादों पर ज्यादा ध्यान देगी। इसके अलावा लागत घटाने और विज्ञापन के जरिए ब्रांड बिल्डिंग पर भी उसका जोर रहेगा। प्रबंधन को लेकर चल रहा विवाद सुलझने से भी कंपनी की उम्मीदें बढ़ी हैं। कंपनी का शेयर 1425 रुपए पर वर्ष 2009 के लिए 14.2 पीई पर कारोबार कर रहा है।

एंटरटेनमेंट नेटवर्क इंडिया
सिफारिश : 299 रु.
मौजूदा भाव: 293.20 रु.
लक्ष्य: 383 रु.
ब्रोकर: प्रभुदास लीलाधर

कारोबारी साल 2008 में एंटरटेनमेंट नेटवर्क इंडिया का रेडियो सेगमेन्ट 35 फीसदी की दर से बढ़ा है, जबकि दूसरे सेगमेन्ट में 320 फीसदी का इजाफा रहा है। कंपनी का इवेन्ट मैनेजमेंट कारोबार 52 फीसदी की दर से बढ़ा है। लिहाजा इसकी कमाई में इस दौरान 76 फीसदी का इजाफा देखा गया है।

रेडियो कारोबार इसका सबसे लाभप्रद धंधा है क्योंकि आउटडोर और इवेन्ट कारोबार अभी काफी शुरुआती दौर में है। कंपनी ने अपना इवेन्ट मैनेजमेंट कारोबार टाइम्स इनोवेटिव मीडिया से हटा कर एक नई सब्सिडियरी अल्टरनेटिव ब्रांड सोल्यूशंस में हस्तांतरित कर दिया है। यह नई कंपनी आउटडोर और इवेन्ट कारोबार पर जोर देगी। कंपनी के रेडियो मिर्ची ने बाजार में औसतन 48 फीसदी हिस्सेदारी बनाए रखी है।

इसका कारोबार जो वित्तीय वर्ष 2007 में 10 स्टेशनों पर था, 2008 में बढ़कर 32 स्टेशनों पर हो गया है। ग्यारह महीनों में 22 नए स्टेशन इसकी क्षमता का परिचायक है। रेडियो कारोबार में 2008 में ऑपरेटिंग मार्जिन 23.2 फीसदी का रहा है जबकि उम्मीद है कि यह 2010 में बढ़कर 34.7 फीसदी हो जाएगा।

स्टेशनों पर बेहतर प्राइसिंग और नए स्टेशनों के बेहतर इस्तेमाल से यह संभव हो सकेगा। 299 रुपए पर यह शेयर 2009 के लिए 41.2 पीई पर कारोबार कर रहा है जबकि 2010 के लिए यह 17.6 मल्टिपल पर होगा। इसमें खरीद की सलाह है।

सेसा गोवा
सिफारिश: 156 रु.
मौजूदा भाव: 158.75 रु.
लक्ष्य: उपलब्ध नहीं
ब्रोकर: एडलवायस सिक्योरिटीज

चीन में कच्चे लोहे की हाजिर कीमतें जुलाई 2008 के 185 डॉलर प्रति टन से घटकर 160 डॉलर प्रति टन पर आ गई हैं। दरअसल ओलम्पिक खेल और बाजार में ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड के उत्पादकों के हाजिर बाजार में आ जाने से चीन की कई स्टील मिलों को बंद करना पड़ा जिसके कारण कीमतों में गिरावट आई।

हालांकि सेसा गोवा के वॉल्यूम में खास गिरावट देखने को नहीं मिली है। कंपनी को उम्मीद है कि ओलम्पिक के बाद अब मांग वापस लौटने से तीसरी तिमाही में कीमतें वापस अपने स्तरों पर आ जाएंगी। कारोबारी साल 2009 में कंपनी के वॉल्यूम में 25 से 30 फीसदी की तेजी की उम्मीद है जो 2010 में बढ़कर 225 लाख टन हो सकती है।

कंपनी को उम्मीद है कि कारोबारी साल 2009 में कॉन्ट्रैक्ट कीमतों में 80 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है जो कंपनी को कीमतों में वृध्दि से लड़ने में मदद करेगा क्योंकि इस साल लागत में 30 फीसदी तक के इजाफे की उम्मीद की जा रही है।

कंपनी पिग आयरन और कोक की क्षमता बढ़ा कर क्रमश: 10 लाख टन और 0.75 टन सालाना करने की योजना बना रही है। इस योजना के तहत एलॉय स्टील उत्पादन भी शामिल है। कंपनी गोवा और कर्नाटक में एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट का दर्जा लेने के बाद अब उड़ीसा में भी यह दर्जा हासिल करना चाहती है। कंपनी के पास 250 करोड़ रुपए कैश में हैं और वह इसे भारत और विदेश में और खदानों के अधिग्रहण पर खर्च करना चाहती है।

फोर्टिस हेल्थकेयर
सिफारिश: 67.60 रु.
मौजूदा भाव: 75 रु.
लक्ष्य: 88 रु.
ब्रोकर: आईसीआईसीआई डायरेक्ट

फोर्टिस हेल्थकेयर अपनी ग्रीनफील्ड परियोजनाओं, अधिग्रहण और मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट के जरिए तेजी से विस्तार कर रही है। कंपनी आगे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अपनी पकड़ बढ़ाना चाहती है और इसके अलावा पश्चिमी और दक्षिणी क्षेत्र में भी अपना कारोबार फैलाना चाहता है। कंपनी ने सितंबर 2007 में अधिग्रहीत मलार अस्पताल की शुरुआत का भी ऐलान किया है।

दिल्ली के शालिमार बाग में बना यह 258 बिस्तर वाले स्पेशिलिटी अस्पताल 2009 के आखिर तक काम करना शुरू कर देगा जबकि गुड़गांव का मेडिसिटी 2010 तक काम शुरू कर देगा। मेट्रो शहरों में स्पेशिलिटी अस्पताल और दिल के रोगों के इलाज में विशेषज्ञता की वजह से कंपनी को लंबी अवधि में फायदा पहुंचेगा।

कंपनी ने पहली बार इस कारोबारी साल की पहली तिमाही में 94 लाख रुपए के शुध्द मुनाफे का ऐलान किया है। कारोबारी साल 2010 में उसने बिस्तरों की संख्या में इजाफा करने को भी कहा है। कंपनी को सबसे बड़ा खतरा उसके एक्कॉट्र्स हार्ट इंस्टिटयूट ऐंड रिसर्च सेंटर और उसकी सहयोगी कंपनियों में रहे कानूनी विवाद से है।

कंपनी को 0.26 रुपए और 0.70 रुपए के ईपीएस की उम्मीद क्रमश: 2009 और 2010 में है। ब्रोकर कंपनी ने महंगाई दर और ब्याज की लागत के कारण इसका लक्ष्य 106 से घटाकर 88 किया है।

First Published - September 1, 2008 | 12:29 AM IST

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