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कहते हैं विश्लेषक

Last Updated- December 09, 2022 | 10:20 PM IST

इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज


सिफारिश: 1302 रुपये
मौजूदा भाव: 1268.25 रुपये
लक्ष्य: 980 रुपये
ब्रोकरेज: एम्बीट कैपिटल


वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में मुल्क की अग्रणी आईटी कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज की कमाई में पिछली तिमाही के मुकाबले 6.8 फीसदी ज्यादा रही। रुपये की सेहत में 10 फीसदी की कमजोरी आने की वजह से उसके उत्पादन में 2.5 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज की कमाई ज्यादा हो सकती थी, लेकिन ठेके में दो फीसदी की कमी आने से हो न पाई। इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज को इस तिमाही में 117.1 करोड़ डॉलर की कमाई हुई, जबकि उसने इस तिमाही के लिए लक्ष्य रखा था 117.5 करोड़ डॉलर का।

इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के ईबीआईटीडीए मार्जिन में दो फीसदी की इजाफा आया है। वजह है कमजोर रुपया, बिक्री में आई गिरावट और प्रबंधन का बढ़ता खर्च।

इस मार्जिन के बढ़ने का असर इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के शुध्द लाभ पर भी पड़ा है, जिसमें पिछली तिमाही के मुकाबले 14.6 फीसदी का इजाफा हुआ है। 

उसे इस तिमाही में 1,641 करोड़ रुपये का शुध्द लाभ हुआ है। उसने इस साल के डॉलर में होने वाले मुनाफे को भी 4.72-4.81 अरब डॉलर से कम करके 4.67-4.71 अरब डॉलर के स्तर पर ला दिया है।

इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज को ऑनसाइट और ऑफश्योर बीलिंग रेट्स में भी 5.83 और 4.61 फीसदी की कमी आई है। अगले वित्त वर्ष में मंदी की वजह से इसके लिए वक्त खराब रह सकता है।

सिनटेक्स इंडस्ट्रीज


सिफारिश : 160 रुपये
मौजूदा कीमत : 148.80 रुपये
लक्ष्य : 230 रुपये
ब्रोकरेज : एंजल ब्रोकिंग

वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सिनटेक्स इंडस्ट्रीज की कमाई में पिछली तिमाही के मुकाबले 30.6 फीसदी बढ़कर 798.6 करोड़ हो चुकी है। प्लास्टिक उद्योग की सेहत में 39 फीसदी की मजबूती आने की वजह से उसके उत्पादन में इसकी बिक्री में इजाफा हुआ है।

कंपनी की कमाई ज्यादा हो सकती थी, लेकिन कम मार्जिन वाले प्लास्टिक के कारोबार और इनेवेंटरी में नुकसान की वजह से ऑपरेटिंग प्रॉफिट की हालत पस्त रही। कंपनी को इस तिमाही में 21.9 फीसदी की ज्यादा यानी 71.1 करोड़ रुपये का शुध्द लाभ हुआ।

वजह रही दूसरी स्रोतों से होने वाली कमाई में इजाफा। कंपनी को उम्मीद है कि इस साल का अंत 300 करोड़ रुपये पूंजी विस्तार के साथ होगा। इसके पास इस वक्त 1500 करोड़ रुपये की मोटी-ताजी रकम है। इस वजह से इसे पूंजू विस्तार और अधिग्रहण करने में आसानी होगी।

पैंटालून रिटेल इंडिया

सिफारिश: 190 रुपये
मौजूदा कीमत: 167.20 रुपये
लक्ष्य: 232 रुपये
ब्रोकरेज: इनैम सिक्यूरिटीज


पैंटालून रिटेल को अंतरिम अवधि में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। खास तौर से स्टोर्स में हुई कमजोर बिक्री की वजह से पैंटालून को खराब दौर से गुजरना पड़ा है। हालांकि यह संभावना जताई जा रही है कि कंपनी की खपत 12 फीसदी के  स्तर पर बनी रहेगी।

इसके साथ ही ब्याज दरों में गिरावट, सरकारी खर्चों में वृध्दि, वेतन बढ़ोतरी और अप्रत्यक्ष कर में कटौती आदि की भी उम्मीद है। साथ ही संगठित खुदरा क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए अच्छे अवसर मिलने की भी संभावना है।

हालांकि पैंटालून का खुदरा क्षेत्र (जहां कि कंपनी 72 फीसदी बिक्री खुद करती है) काफी हद तक बचा हुआ है। जबकि होम इंप्रूवमेंट और लाइफस्टाइल सेग्मेंट आदि में मंदी की शुरुआती लक्षण देखे जा रहे हैं। कुल मिलाकर ईबीआईटीडीए का मार्जिन अभी भी 9.2 फीसदी के आसपास ही बना हुआ है।

ऐसा इसलिए भी संभव हो पाया है क्योंकि कंपनी ने कर्मचारी लागत और मौजूदा व नए किराए अनुबंधों को तर्कसंगत बनाए हुए है। हालांकि फैशन क्षेत्र और खाद्य पदार्थों के व्यापार क्षेत्र में कंपनी काफी सीमित दायरे में है।

बहरहाल, कंपनी प्रबंधन यह संभावना जाता रही है कि वित्त वर्ष 2009 की आय की तुलना में वित्त वर्ष 2010 की आय थोड़ी मुनाफे वाली साबित होगी।

एचडीएफसी बैंक


सिफारिश: 976 रुपये
मौजूदा बाजार कीमत: 936.60 रुपये
लक्ष्य: 1,102 रुपये
ब्रोकरेज:  इंडिया इंफोलाइन

वित्त वर्ष 2008-09 की तीसरी तिमाही के दौरान बीते साल के मुकाबले ऋण और जमा अनुपात में करीब 8 प्रतिशत की गिरावट और सीएएसए अनुपात में 4 प्रतिशत की कमी आने के बावजूद एचडीएफसी बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन बढ़कर 4.3 प्रतिशत हो गया है।

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान यह आंकड़ा 4.2 प्रतिशत था। इस दौरान वर्ष दर वर्ष आधार पर बैंक को ऋण में 38 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। लेकिन तिमाही आधार पर तुलना करें तो जारी किए गए ऋण में 3.4 प्रतिशत की गिरावट आई है।

इसे बही खाते में जोखिम को कम करने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। खर्च और आय अनुपात दूसरी तिमाही के 55 प्रतिशत के मुकाबले घटकर तीसरी तिमाही में 50 प्रतिशत रह गया है।  सीआईआर मर्जर से पहले के स्तर पर जा पहुंचा है।

सकल गैर-निष्पादित ऋण अनुपात तीसरी तिमाही में 1.9 प्रतिशत था। दूसरी तिमाही के दौरान यह आंकड़ा 1.6 प्रतिशत था। ब्याज दरों में कमी की शुरूआत के साथ ही रिटेल एनपीएल के अगली 1 या 2 तिमाहियों के दौरान बढ़ने की उम्मीद है।

एचडीएफसी बैंक का शुद्ध लाभ वर्ष दर वर्ष आधार पर 45 प्रतिशत की दर से बढ़ा है और सीबीओपी मर्जन को समायोजित करने के बाद शुद्ध लाभ 30 प्रतिशत रहा है।

वित्त वर्ष 2009-11 के दौरान ईपीएस विकास दर के उच्च बने रहने का अनुमान है। इस शेयर का कारोबार वित्त वर्ष 2010 की आय की बुकवैल्यु के 2.5 गुने पर किया जा रहा है।

First Published - January 18, 2009 | 9:26 PM IST

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