देश की बड़ी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में से एक श्रीराम फाइनैंस को सरकारी प्रतिभूतियों की नीलामी के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से एकल प्राथमिक डीलरशिप (पीडी) लाइसेंस मिलने की उम्मीद है। इस मामले के जानकार कई सूत्रों ने यह जानकारी दी।
पीडी लाइसेंस देने के मामले में रिजर्व बैंक बहुत सावधानी बरतता रहा है। अगर वह लाइसेंस देता है, तो श्रीराम फाइनैंस हाल के वक्त में यह लाइसेंस पाने वाली पहली गैर बैंकिंग इकाइयों में से एक होगी। कर्जदाता ने पिछले सप्ताह शेयर बाजार को जानकारी दी थी कि उसे श्रीराम ओवरसीज इन्वेस्टमेंट्स (एसओआईपीएल) में श्रीराम इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स से 100 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए रिजर्व बैंक से मंजूरी मिल गई है। साथ ही उमेश रेवंकर और पराग शर्मा को एसओआईपीएल के बोर्ड में डायरेक्टर नियुक्त किया गया है।
इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि पीडी कारोबार कम मुनाफे का कारोबार है, लेकिन इसमें जोखिम नहीं होता। उन्होंने कहा कि श्रीराम फाइनैंस का निवेश का बड़ा बहीखाता है और वे ट्रेडिंग में कुछ विशेषज्ञता चाहते हैं, जो उनके पीडी लाइसेंस लेने की वजह हो सकती है। बिजनेस स्टैंडर्ड की ओर से मांगी गई जानकारी के जवाब में कर्जदाता ने कहा, ‘कंपनी के परिणाम की घोषणा से पहले श्रीराम फाइनेंस कुछ कहना नहीं चाहती और फिलहाल कोई टिप्पणी देने में असमर्थ है।’
प्राथमिक डीलर (पीडी) सरकारी प्रतिभूतियों में बाजार निर्माता होते हैं, जो डेटेड सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक), ट्रेजरी बिलों और नकदी प्रबंधन बिलों (सीएमबी) के इश्युएंस के लिए नीलामी का समर्थन करने का काम करते हैं।