वित्त वर्ष 23 में 15.9 प्रतिशत की तेज वृद्धि के बाद अब चालू वित्त वर्ष 24 में बैंकों के ऋण की वृद्धि दर घटकर 13 से 13.5 प्रतिशत के बीच रह सकती है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि यह अगले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) में सुधरकर 13.5 से 14 प्रतिशत हो सकती है।
पिछले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 23) में ऋण देने में तेज वृद्धि आर्थिक रिकवरी, मजबूत और साफ सुथरी बैलेंस शीट और पहले के दो वित्त वर्षों के दौरान कम आधार की वजह से हुई। कुल बैंक ऋण में थोक ऋण (जिसकी कुल कर्ज में हिस्सेदारी 60 प्रतिशत होती है) की वृद्धि दर इस वित्त वर्ष में घटकर 11 से 11.5 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना है, जो इसके पहले दशक के उच्च स्तर 15 प्रतिशत पर थी।
वहीं क्रिसिल के मुताबिक खुदरा ऋण (कुल कर्ज में इसकी हिस्सेदारी 28 प्रतिशत होती है) में बेहतर वृद्धि जारी रहने और पिछले वित्त वर्ष के करीब बराबर ही 19 से 20 प्रतिशत वृद्धि दर रहने की संभावना है।