भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को यूपीआई 123 पे और यूपीआई लाइट के लिए लेनदेन की सीमा में इजाफा कर दिया ताकि यूपीआई के ऐसे साधनों को व्यापक तौर पर अपनाने का प्रोत्साहन मिले। अब ग्राहक यूपीआई 123पे के जरिये (इसे फीचर फोन से किया जा सकता है) प्रति लेनदेन 10,000 रुपये की सीमा तय की गई है। पहले यह 5,000 रुपये थी।
आरबीआई ने यूपीआई लाइट वॉलेट की सीमा भी 500 रुपये से 1,000 रुपये कर दी और वॉलेट की कुल सीमा 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति भाषण में कहा कि यूपीआई को व्यापक तौर पर अपनाने का प्रोत्साहन देने करने के लिए यूपीआई 123 पे पर प्री-ट्रांजेक्शन सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये करने का फैसला लिया गया है।
यूपीआई लाइट में कम कीमत वाले लेनदेन कर सकते हैं। इसके लिए यूपीआई पिन की जरूरत नहीं होती। नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक यह उसी पल भेजने वाले बैंक के कोर बैंकिंग सिस्टम का इस्तेमाल के बिना होता है। यूपीआई सेवाओं के लिए सीमा में बढ़ोतरी रियल टाइम पेमेंट सिस्टम को अपनाने में इजाफे के बीच हुई है। ऐसे लेनदेन के लिए इस्तेमालकर्ताओं की संख्या भी बढ़ी है।
सितंबर में यूपीआई के जरिए रोजाना लेनदेन 50.1 करोड़ के पार निकल गया जो 2016 में यूपीआई के परिचालन में आने के बाद का सर्वोच्च आंकड़ा है। सितंबर में इसका वॉल्यूम 0.5 फीसदी बढ़कर 15.04 अरब रहा जो अगस्त में 14.96 अरब था। वैल्यू के लिहाज से सितंबर में 68,800 करोड़ रुपये सिक्योर किए गए। सितंबर में आंकड़ा 20.64 लाख करोड़ रुपये पर स्थिर रहा, जो अगस्त में 20.61 लाख करोड़ रुपये था।
एनपीसीआई यूपीआई के इस्तेमाल के मामलों में विस्तार कर रहा है, जिसमें यूपीआई सर्किल के साथ डेलिगेटेड पेमेंट शुरू करना, यूपीआई पर क्रेडिट कार्ड, यूपीआई पर क्रेडिट लाइन आदि शामिल हैं। भुगतान के लिए एनपीसीएल ने यूपीआई लेनदेन पर करीब 10,000 करोड़ रुपये का क्रेडिट रिकॉर्ड किया, जिसमें यूपीआई पर 200 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए क्रेडिट लाइन शामिल है।