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घर पर कोविड का उपचार भी बीमा पॉलिसी के दायरे में

Last Updated- December 12, 2022 | 5:01 AM IST

कोविड-19 की जांच में पॉजिटिव आए लोगों को इस समय अस्पताल में बेड मुश्किल से मिल रहे हैं, जिस वजह से उन्हें घर पर ही इलाज कराना पड़ रहा है। कई अस्पताल और स्वास्थ्य सेवा कंपनियां घर पर इलाज की सुविधा भी दे रही हैं। मगर घर पर इलाज कराने वाले कई मरीज इस बात को लेकर फिक्रमंद हैं कि यह इलाज स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के दायरे में आएगा या नहीं।
कई स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में घर पर हॉस्पिटलाइजेशन की सुविधा होती है। लेकिन यह दो स्थितियों में ही मिलती है। पॉलिसीबाजार के स्वास्थ्य बीमा प्रमुख अमित छाबड़ा कहते हैं, ‘या तो किसी भी अस्पताल में चिकित्सा सुविधा नहीं हो या मरीज की हालत इतनी गंभीर हो कि वह अस्पताल जा ही नहीं सके। ऐसे मामलों में अस्पताल में भर्ती होने पर मिलने वाले लाभ घर पर भी मिल जाते हैं और कोविड का मामला भी इसी जमात में आता है।’यह विकल्प पिछले छह-सात साल से स्वास्थ्य बीमा में मिल रहा है। छाबड़ा के अनुसार अधिकांश नियमित पॉलिसियां घर पर हॉस्पिटलाइजेशन का प्रावधान रखती हैं और यह कोविड में भी लागू होगा। लेकिन पॉलिसी के नियम और शर्त पढऩा सही रहेगा क्योंकि कुछ बीमा कंपनियां श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से की बीमारियों को बाहर रखती हैं और कोविड-19 भी उनमें शामिल हो सकता है।
कुछ स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी घर पर उपचार को अतरिक्त फायदों की श्रेणी में रखती हैं। मणिपालसिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस के उत्पाद प्रमुख आशीष यादव कहते हैं , ‘अगर आपकी पॉलिसी में होमकेयर नाम का अतिरिक्त फायदा नहीं है तो आप इसका दावा नहीं कर सकते। इसीलिए जांच लें। हां, कोरोना कवच पॉलिसी में आप घर पर इलाज के लिए दावा कर सकते हैं।’
इस तरह के दावे के लिए सबसे पहले आपकी कोविड जांच पॉजिटिव होनी चाहिए। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के प्रमुख – दावा, अंडरराइटिंग और पुनर्बीमा – संजय दत्ता कहते हैं, ‘आपके पॉजिटिव होने की पुष्टि के बाद डॉक्टर तय करेगा कि अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है या नहीं। अगर घर पर इलाज हो सकता है तो डॉक्टर को यह बात साफ तौर पर लिखनी होगी।’ डॉक्टर की सिफारिश बीमा कंपनी के पास जमा करनी होगी। जांच रिपोर्ट विश्वसनीय भी होनी चाहिए। पॉलिसीएक्स डॉट कॉम के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी नवल गोयल कहते हैं, ‘आरटी-पीसीआर रिपोर्ट प्रयोगशाला में जांच के बाद बनी हो, जिसमें बताया गया हो कि व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित है और यह भी लिखा गया हो कि उसमें संक्रमण के लक्षण हैं या नहीं।’ केवल एंटीजन रिपोर्ट से काम नहीं चलेगा।
दत्ता बताते हैं कि आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के बीमा ग्राहक अपने ही डॉक्टर से यह लिखवा सकते हैं। मगर अपनी पॉलिसी की शर्तें पढ़ लें। कुछ कंपनियां अपने नेटवर्क के किसी अस्पताल में बैठने वाले डॉक्टर की होमकेयर की सिफारिश ही मानती हैं।
दवा, जांच के लिए घर आने वाले डॉक्टर और नर्स की फीस, सीटी-स्कैन और एक्स-रे जैसी जांच का खर्च बीमा में शामिल होता है। दत्ता कहते हैं कि जब तक आप जांच में नेगेटिव नहीं पाए जाते तब तक आपके इलाज में होने वाले सारे खर्च बीमा कंपनी ही भरेगी।
अगर आप घर पर ही आईसीयू की सुविधा ले रहे हैं तो शायद बीमा कंपनी पूरा खर्च न उठाए। वह पॉलिसी के नियम-शर्तों में शामिल हिस्से का ही भुगतान करेगी, जो हर बीमा कंपनी के लिए अलग-अलग हो सकता है।
पिछले साल जब पहली लहर अपने चरम पर थी और बड़े शहरों में चिकित्साकर्मी नहीं होने एवं बेड की कमी होने के कारण चिकित्सा व्यवस्था इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए तैयार नहीं थी। उस समय कई बीमा कंपनियों ने घर पर इलाज को भी पॉलिसी में शामिल कर लिया था। गोयल कहते हैं कि इससे पहले भारत में बीमा कंपनियों की पॉलिसी में अस्पताल में भर्ती होने पर हो रहे खर्च ही शामिल होते थे।
जिनके पास पहले से ही बीमा पॉलिसी है, वे शर्तें पढ़कर देखें लें कि घर पर इलाज की सूरत में दावा किया जा सकता है या नहीं। कुछ मामलों में घर पर उपचार की सूरत में दावा राशि की सीमा हो सकती है। जो अब स्वास्थ्य बीमा ले रहे हैं, वे सुनिश्चित कर लें कि उनकी पॉलिसी में यह सुविधा भी हो।

First Published - May 9, 2021 | 11:44 PM IST

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