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UPI का होगा स्मार्ट अपग्रेड; अब स्मार्टवॉच, कार और टीवी भी करेंगे पेमेंट, ऐप खोलने की भी जरूरत नहीं

नए फीचर उपकरणों को एक अलग वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) का उपयोग करके भुगतान प्रोसेस करने की सुविधा मिलेगी और यह उपयोगकर्ता की प्राथमिक यूपीआई आईडी से जुड़ा होगा।

Last Updated- July 07, 2025 | 11:18 PM IST
UPI

भारत की रियल-टाइम यानी तत्काल भुगतान प्रणाली यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का स्मार्ट अपग्रेड होने जा रहा है। इससे बैंकिंग ऐप या यूपीआई ऐप खोले बगैर आपके स्मार्ट उपकरण जैसे टीवी, स्मार्टवॉच, कार आदि से भुगतान हो जाएगा। सूत्रों के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) यूपीआई का इंटरनेट-ऑफ-थिंग्स (आईओटी) तैयार संस्करण विकसित कर रहा है जो स्मार्ट उपकरणों, वेयरेबल आइटम, कनेक्टेड मोबिलिटी आदि के माध्यम से स्वचालित भुगतान की सुविधा प्रदान करेगा। घटनाक्रम से अवगत दो सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।

इस अपग्रेड के साथ रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, कनेक्टेड कार और यहां तक कि स्मार्टवॉच जैसे स्मार्ट उपकरण खुद से यूपीआई भुगतान कर देंगे। सोचिए अगर ऐसा हो कि आपकी कार खुद पार्किंग शुल्क का भुगतान कर दे, वेयरेबल उपकरण से आप मेट्रो टिकट खरीद लें या आपका स्मार्ट टीवी खुद सब​स्क्रिप्शन का रीन्यूअल कर ले, वह भी बिना बैंकिंग ऐप या थर्ड पार्टी यूपीआई ऐप को खोले बिना, तो कैसा रहेगा।

नई प्रणाली और मौजूदा प्रणाली के बीच मुख्य अंतर सभी तरह के गैजेट पर भुगतान करने की क्षमता है। फिलहाल उपयोगकर्ता मोबाइल फोन का उपयोग करके यूपीआई लेनदेन करते हैं। नए फीचर उपकरणों को एक अलग वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) का उपयोग करके भुगतान प्रोसेस करने की सुविधा मिलेगी और यह उपयोगकर्ता की प्राथमिक यूपीआई आईडी से जुड़ा होगा।

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा, ‘किसी व्यक्ति और किसी डिवाइस को लेनदेन का आदेश देना परिचालन के हिसाब से अलग है लेकिन मौलिक रूप से समान है। इस फीचर में दूसरों की तुलना में कुछ बारीकियां शामिल हैं क्योंकि उपकरणों की अलग-अलग आईडी होंगी।’

यह फीचर एनपीसीआई की वार्षिक नवाचार योजना का हिस्सा है। हालांकि यूपीआई सर्कल और ऑटोपे (स्वत: भुगतान) से जुड़ी नई सुविधा के साथ डिवाइस प्राथमिक उपयोगकर्ता द्वारा आदेश दिए जाने पर यूपीआई लेनदेन कर सकेंगे। सूत्रों ने संकेत दिया कि किसी डिवाइस को जोड़ने के लिए वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की जरूरत हो सकती है।

एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘कॉमन लाइब्रेरी (सीएल) कैसे बनाई जाए और एमपीआईएन (मोबाइल पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नंबर) को कैसे कैप्चर किया जाए इस पर चर्चा हुई है क्योंकि भुगतान संबंधी जोखिम हो सकते हैं।’ यूपीआई सर्कल उपयोगकर्ताओं को पूर्व निर्धारित सीमा के साथ अपने यूपीआई खाते से दूसरे व्य​क्ति (सेकंडरी) को भुगतान ऑथराइजेशन की अनुमति देता है। एक सृत्र ने कहा, ‘डिवाइस को एक अलग यूपीआई आईडी दी जाएगी। इसमें निर्दिष्ट भुगतान और ऑटोपे की सुविधा होगी।

सूत्रों में से एक ने कहा, ‘यह निर्धारित सीमा के तहत लेनदेन के लिए इन फीचर्स का उपयोग करेगा। उपयोगकर्ता किसी भी समय उस ऐप का उपयोग कर भुगतान आदेश को बदल सकता है जिससे पहली बार डेबिट या भुगतान की अनुमति दी गई थी।’

इस बारे में जानकारी के लिए एनपीसीआई को ईमेल भेजा गया मगर खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं मिला। नवीनतम फीचर सब​स्क्रिप्शन जैसे आवर्ती भुगतानों के लिए यूपीआई ऑटोपे का भी उपयोग कर सकता है। ये उपकरण यूपीआई रेल का लाभ उठाकर सुरक्षित रूप से भुगतान संसाधित करने के लिए प्रत्येक बार अलग-अलग उपयोगकर्ता कमांड की आवश्यकता के बिना स्वत: वि​शिष्ट उपयोग के आधार पर यूपीआई लेनदेन कर सकेंगे। शीर्ष खुदरा भुगतान निकाय में नियामक अनुमोदन के अधीन, ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल (जीएफएफ) के 2025 संस्करण में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) सुविधा के लिए यूपीआई शुरू करने के प्रयास जारी हैं।

2024 में, इसने यूपीआई सर्कल और भारत बिलपे फॉर बिजनेस (बी2बी प्लेटफॉर्म) शुरू किया। इसने 2023 में यूपीआई पर क्रेडिट लाइन, ऑफलाइन भुगतान के लिए यूपीआई लाइट एक्स, यूपीआई पर संवादी भुगतान जैसे उत्पाद लॉन्च किए। यूपीआई पर नए उपयोग के मामलों का विस्तार ऐसे समय में हुआ है जब रियल-टाइम भुगतान प्रणाली ने जून में 18.4 अरब लेनदेन दर्ज किए हैं और भुगतान प्रणाली ने इसमें 10 गुना वृद्धि का लक्ष्य रखा है।

बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ पहले एक बातचीत में एनपीसीआई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्या​धिकारी दिलीप आसबे ने कहा था कि प्राथमिक ध्यान यूपीआई का विस्तार करना है जिसमें 10 गुना बढ़ने की क्षमता है। फिलहाल 45 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता इसे मासिक आधार पर उपयोग करते हैं, जिसमें 1 अरब से अधिक तक बढ़ने की क्षमता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वित्त वर्ष 2025 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार यूपीआई ने वर्ष के दौरान 185.8 अरब लेनदेन दर्ज किए जो वित्त वर्ष 2024 में संसाधित 131.1 अरब लेनदेन से 41.7 फीसदी अ​धिक है। भुगतान पारि​स्थितिकी तंत्र में इसकी हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2024 में 79.4 फीसदी थी जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 83.4 फीसदी हो गई।

First Published - July 7, 2025 | 10:32 PM IST

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