लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर 8 अगस्त को चर्चा शुरू होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को चर्चा का जवाब दे सकते हैं जो मॉनसून सत्र का अंतिम दिन है। लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) ने मंगलवार को यह जानकारी दी। विपक्षी दलों के सदस्यों ने बीएसी बैठक का विरोध किया।
लोकसभा में सरकार ने मौजूदा दिल्ली सेवा अध्यादेश को बदलने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया। बीजू जनता दल (बीजद) द्वारा दोनों सदनों में विधेयक को समर्थन देने की घोषणा से सरकार को राहत मिली है। बीजद के सस्मित पात्र ने कहा कि उनकी पार्टी अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करेगी। हालांकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, लेकिन बीजद और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के समर्थन देने के वादे के साथ इसे विधेयक के आसानी से पारित होने की उम्मीद है।
विपक्षी दलों के गठबंधन, इंडिया के करीब 26 सांसद, भारत राष्ट्र समिति के करीब सात सांसद और कपिल सिब्बल जैसे कुछ स्वतंत्र सांसद सहित करीब 109 सांसद राज्यसभा में विधेयक का विरोध कर सकते हैं। हालांकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) अपने 100 सांसदों के बलबूते और पांच मनोनीत सदस्यों, बीजद तथा वाईएसआरसीपी के 9-9 सांसदों के समर्थन से विधेयक पारित कराने की उम्मीद कर सकता है। राज्यसभा में फिलहाल कुल 238 सदस्य (कुल 245 में से) हैं।
मंगलवार की सुबह, विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा बुलाई गई लोकसभा की बीएसी बैठक का बहिष्कार किया। ये सदस्य 8 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराने के फैसले का विरोध कर रहे थे। विपक्षी दल इससे पहले ही इस पर चर्चा कराना चाहते हैं।
विपक्षी दलों के नेताओं ने लोकसभा के कुछ पूर्व निर्णयों और कुछ अन्य नियमों का भी हवाला दिया जो अन्य सरकारी कामकाज की तुलना में अविश्वास प्रस्ताव को प्राथमिकता देते हैं। वहीं दूसरी तरफ सरकार इस बात पर जोर देती है कि अविश्वास प्रस्ताव पर तत्काल विचार करने के लिए कोई नियम या कोई पूर्व उदाहरण नहीं है। इसका तर्क यह है कि प्रस्ताव को निर्धारित करने वाले नियमों के तहत इसे स्वीकार करने के 10 कार्यदिवसों के भीतर ही इस पर चर्चा की जानी चाहिए।