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समुद्री इन्फ्रास्ट्रक्चर में होगा सुधार, PM मोदी ने गुजरात में टूना-टेकरा टर्मिनल की रखी नींव

‘ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन’ का उद्घाटन करने के बाद PM मोदी ने कहा कि भारत G-20 की बैठक में IMEEC के लिए ऐतिहासिक सहमति बनाने में समर्थ हो सका।

Last Updated- October 17, 2023 | 10:28 PM IST
PM Modi launches maritime projects worth Rs 23,000 cr; unveils long-term blueprint for blue economy

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 23,000 करोड़ रुपये की समुद्री परियोजनाओं की शुरुआत के साथ ही नीली अर्थव्यवस्था के लिए दीर्घकालिक दृष्टि दस्तावेज जारी किया। इन परियोजनाओं के माध्यम से 2047 तक समुद्री इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के दीनदयाल पत्तन प्राधिकरण में करीब 4,500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले टूना-टेकरा टर्मिनल की भी नींव रखी। इस ग्रीनफील्ड टर्मिनल को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) प्रक्रिया के तहत विकसित किया जाएगा। इस टर्मिनल के एक अंतरराष्ट्रीय व्यापार केंद्र के रूप में उभरने की संभावना है और यह अगली पीढ़ी के पोतों का प्रबंधन करेगा और भारत- प​श्चिम ए​शिया- यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईईसी) के जरिए भारतीय व्यापार के लिए प्रवेश द्वार का कार्य करेगा।

प्रधानमंत्री ने ‘ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट’ के तीसरे संस्करण के दौरान भारतीय समुद्री नीली अर्थव्यवस्था के लिए 23,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन कर उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया। इस शिखर सम्मेलन में भविष्य के पत्तनों सहित समुद्री क्षेत्र से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

इसके अलावा बैठक में कार्बन में कटौती (डिकार्बोनाइजेशन), तटीय जहाजरानी और अंतरदेशीय जल परिवहन, पोत निर्माण, वित्त, समुद्री पर्यटन आदि मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। अमृत काल नामक योजना में प्रमुख बंदरगाहों को कार्बन-तटस्थ बनाने और घरेलू हाइड्रोजन उत्पादन और वितरण पर जोर देने की रणनीति शामिल है।

इसका लक्ष्य 2047 तक बंदरगाह क्षमता को चार गुना बढ़ाकर 1,000 करोड़ टन प्रति वर्ष करना है। जिसका लक्ष्य 12 प्रमुख बंदरगाहों के लिए 100 प्रतिशत सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) प्राप्त करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्री क्षेत्र में वैश्विक और राष्ट्रीय भागीदारी के लिए करीब 7.16 लाख करोड़ रुपये के 300 से अधिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) भी समर्पित किए। इस शिखर सम्मेलन में यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया (मध्य एशिया, मध्य पूर्व और बिम्सटेक क्षेत्र सहित) के विभिन्न देशों के मंत्री भाग लेंगे।

आईएमईईसी में वैश्विक समुद्री उद्योग को बदल देने की क्षमता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आईएमईईसी में वैश्विक समुद्री उद्योग को बदल देने की क्षमता है और उन्होंने निवेशकों को भारत का भागीदार बनने के लिए आमंत्रित किया। यहां ‘ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन’ (जीआईएमएस) का वीडियो लिंक के जरिये उद्घाटन करने के बाद मोदी ने कहा कि भारत जी-20 की बैठक में आईएमईईसी के लिए ऐतिहासिक सहमति बनाने में समर्थ हो सका।

मोदी ने कहा कि गलियारे में कई विकास पहल शामिल हैं, जिनमें अगली पीढ़ी के विशाल बंदरगाहों का निर्माण, अंतरराष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह, द्वीप विकास, अंतर्देशीय जलमार्ग और मल्टीमॉडल हब का विस्तार शामिल है। मोदी ने कहा कि आईएमईईसी परिवहन को अधिक कुशल बनाकर व्यवसाय की लागत को कम करने, पर्यावरण को होने वाले नुकसान को सीमित करने और बहुत सारी नौकरियां पैदा करने में मदद करेगा। इस सम्मेलन में 70 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

मोदी ने कहा कि पिछले दशक में प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है, कंटेनरों के लिए ‘टर्नअराउंड’ समय 2014 में 42 घंटे से घटकर 24 घंटे हो गया है और बेहतर बंदरगाह सम्पर्क के लिए हजारों किलोमीटर तक सड़कें बनाई गई हैं। मोदी ने कहा कि सरकार कई केंद्रों में जहाज निर्माण और मरम्मत केंद्र विकसित करेगी। मोदी ने कहा कि गुजरात में इस स्थल पर एक राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर भी बनाया जाएगा।

इस बीच, मुंबई में अंतर्राष्ट्रीय क्रूज़ टर्मिनल 2024 में बनकर तैयार हो जाएगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि इसमें प्रति वर्ष 200 क्रूज़ जहाजों और 10 लाख यात्रियों को संभालने की क्षमता होगी। इस टर्मिनल की लागत 495 करोड़ रुपये है। 4.14 लाख वर्ग फुट के कुल निर्माण क्षेत्र के साथ भारत में अपनी तरह का पहला प्रतिष्ठित समुद्री क्रूज टर्मिनल में 300 कारों के लिए 22 लिफ्ट, 10 एक्सीलेटर और बहुमंजिला कार पार्किंग होगी।

First Published - October 17, 2023 | 10:28 PM IST

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