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उत्तर प्रदेश के 20 जिले बाढ़ से तबाह, नदियों में उफान, पिछड़ी धान की रोपाई; IMD ने बताया कब तक होगी बारिश

मौसम विभाग के मुताबिक बीते 24 घंटे में प्रदेश के 36 जिलों में केवल 4 मिलीमीटर पानी ही बरसा है। प्रदेश में जून से लेकर अब तक सामान्य से 10 फीसदी अधिक वर्षा हुई है।

Last Updated- July 16, 2024 | 5:15 PM IST
Flood situation grim in 20 UP districts. Rivers swelling उत्तर प्रदेश के 20 जिले बाढ़ से तबाह, नदियों में उफान, पिछड़ी धान की रोपाई; IMD ने बताया कब तक होगी बारिश
Representative Image

UP Weather: उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों व तराई के इलाके में तीन दिन से बारिश रुकने बाद भी बाढ़ का कहर कम नहीं हो रहा है। प्रदेश के 20 जिलों में बाढ़ के हालात हैं। नेपाल से आ रही नदियों का जलस्तर बढ़ना जारी है वहां गंगा मे उफान आ रहा है।

वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर से लेकर उन्नाव तक गंगा नदी का जलस्तर हर घंटे बढ़ रहा है। उन्नाव में कई गांवों में गंगा का पानी घुस गया है तो वाराणसी के कई घाट डूब गए हैं। गोरखपुर, गोंडा, हरदोई, शाहजहांपुर, लखीमपुर, श्रावस्ती और बलरामपुर में बाढ़ से कई जगहों पर जलभराव है और गांव डूब गए हैं।

वाराणसी में भदैनी और जानकी घाट गंगा बढ़ने के चलते डूब गए हैं। हर घंटे गंगा का जलस्तर 5 से 10 सेंटीमीटर बढ़ रहा है। शाहजहांपुर से दिल्ली को जाने वाली सड़क पर पानी भर गया है तो बलरामपुर को तुलसीपुर के रास्ते नेपाल से जोड़ने वाली सड़क पर बाढ़ का पानी आ जाने से आवागमन बंद हो गया है।

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुताबिक शाहजहांपुर में रामगंगा, खनौत और गर्रा नदियां, बलिया में घाघरा, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और गोरखपुर में राप्ती महराजगंज में रोहिन तो गोंडा में कुआनो व सीतापुर में गोमती नदियां खतरे के निशान से उपर बह रही हैं।

लखीमपुर खीरी में शारदा और अयोध्या व बाराबंकी में घाघरा भी खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी हैं। बीते 24 घंटों में 10 लोगों की मौत डूबने व बिजली गिरने से हुआ है। हालांकि बीते तीन दिनों से बारिश में कमी के चलते आगे खतरे के आसार नहीं हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक बीते 24 घंटे में प्रदेश के 36 जिलों में केवल 4 मिलीमीटर पानी ही बरसा है। प्रदेश में जून से लेकर अब तक सामान्य से 10 फीसदी अधिक वर्षा हुई है। बीते 45 दिनों में 242 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि औसत 220 मिमी का है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में मानसून कुछ कमजोर पड़ा है पर महीने के आखिर में अच्छी बारिश की उम्मीद है।

वहीं बाढ़ व जलभराव के चलते उत्तर प्रदेश के प्रमुख धान उत्पादक जिलों लखीमपुर, सीतापुर, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, महराजगंज व गोरखपुर में रोपाई का कम पिछड़ी है पर कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में यह रफ्तार पकड़ लेगा।

First Published - July 16, 2024 | 5:15 PM IST

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