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Mango Export: जेवर एयरपोर्ट से अमेरिका पहुंचेगा यूपी का दशहरी और चौसा आम

अमेरिका के बाजारों में आम निर्यात के लिए आवश्यक विकिरण की सुविधा जल्द ही उत्तर प्रदेश में जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के करीब नोएडा में उपलब्ध करायी जाएगी।

Last Updated- June 19, 2024 | 2:03 PM IST
dasheri mango
Representative Image

Mango Export: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार यहां के मशहूर दशहरी और चौसा आमों को अमेरिका बाजार में भेजने के लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। अमेरिका के बाजारों में आम निर्यात के लिए आवश्यक विकिरण की सुविधा जल्द ही उत्तर प्रदेश में जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के करीब नोएडा में उपलब्ध करायी जाएगी। प्रदेश सरकार निजी-सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) मॉडल के आधार जेवर के समीप रेडिएशन सेंटर स्थापित करेगा जहां ट्रीटमेंट के बाद स्थानीय बागवान अपने आम अमेरिका व यूरोप के बाजारों में भेज सकेंगे।

फिलहाल उत्तर प्रदेश के फल पट्टी क्षेत्र काकोरी-माल-मलिहाबाद से दशहरी आम इनोवा एग्री बायो पार्क, मलूर, कर्नाटक को रेडिएशन ट्रीटमेंट के लिए भेजा जा रहा है जहां से इसे अमेरिकी अधिकारियों की जांच के बाद निर्यात किया जाएगा। इसी हफ्ते केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (सीआईएसएच), लखनऊ के रहमानखेड़ा परिसर से कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री, उत्तर प्रदेश सूर्य प्रताप शाही ने 4 टन मलिहाबादी दशहरी आमों से भरी रेफर वैन को संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए झंडी दिखाकर रवाना किया है। कर्नाटक के मलूर में आमों के रेडिएशन ट्रीटमेंट की सुविधा उपलब्ध है।

हाल ही में उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) एवं निवेश व औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी) मनोज कुमार सिंह ने विभागीय अधिकारियों की टीम को सीआईएसएच के विशेषज्ञों के साथ कर्नाटक भेज कर यूपी में रेडिएशन ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की संभावनाओं की तलाश की है। एपीसी ने जेवर एयरपोर्ट पर कार्गो की सुविधा को देखते हुए इसके करीब ही रेडिएशन ट्रीटमेंट की सुविधा शुरु करने को कहा है। पीपीपी मोड में लगने वाले इस प्लांट में बागवान दशहरी व पश्चिम उत्तर प्रदेश के चौसा आमों का रेडिएशन ट्रीटमेट करा उन्हें अमेरिका बाजारों में भेज सकेंगे।

सीआईएसएच निदेशक टी दामोदरन ने बताया कि काकोरी-मा-मलिहाबाद में दशहरी आमों के उत्पादों में से 2200 अब तक संस्थान से जुड़ कर उन्नत तकनीकी का लाभ उठा रहे हैं और क्वालिटी आम का उत्पादन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के बाग काफी पुराने हैं जिनकी उत्पादक घट गयी है और कीटनाशकों के ज्यादा प्रयोग के चलते बाजार में कीमत कम मिल पा रही थी। उन्होंने बताया कि सीएसआईएच ने पेपर बैग उपलब्ध कराकर और उपयोगी सलहा व सहयोग से फल पट्टी क्षेत्र के बागवानों को आमों का क्वालिटी व उत्पादन बढ़ाने में सहयोग किया है।

दामोदरन ने बताया कि संस्थान ने विकिरण उपचार के लिए यूपी से इनोवा एग्री बायो पार्क, मलूर (कर्नाटक) तक हर हफ्ते 4 टन आम भेजने का लक्ष्य रखा है, जिसके बाद एयर- लिफ्ट द्वारा यूएसए भेजा जाएगा। संस्थान ने योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार, निर्यातकों, एग्रीगेटर्स और आम उत्पादकों से संपर्क किया। ‘मेटवॉश तकनीक का परीक्षण आम की भण्डारण क्षमता को बढ़ाने के लिए अप्रैल से सितंबर 2023 के दौरान केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा और यूपी के विभिन्न हिस्सों से मंगाई गई आम की विभिन्न किस्मों के फलों पर किया गया। इस तकनीक का उपयोग करके तोतापुरी आम की एक खेप पहले ही समुद्री मार्ग से यूरोप पहुंचाई जा चुकी है, और भविष्य में उत्तर प्रदेश के आमों को इसी प्रक्रिया से निर्यात किया जाएगा । उन्होंने बताया कि इस साल मलिहाबाद में एक करोड़ के करीब पेपर बैग का इस्तेमाल किया गया है। अगले साल के लिए पांच करोड़ पेपर बैग का लक्ष्य है।

एपीसी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि, डॉ. टी. दामोदरन के साथ प्रारंभिक चर्चा के बाद अमेरिका और यूरोप के लिए यूपी से निर्यात का लक्ष्य मिलना लगभग तय है, और योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने उत्तर भारत में विकिरण उपचार सुविधा की कमी का जिक्र करते हुए डॉ. के. एस. रवि निर्यातक, इनोवा एग्री बायो पार्क, मलूर को नोएडा में फूड पार्क व पैक हाउस सुविधा स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया ।

First Published - June 19, 2024 | 1:55 PM IST

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