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भारत-अमेरिका के बीच भरोसे की साझेदारी

Last Updated- December 11, 2022 | 6:45 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के अधिक समृद्ध, मुक्त और सुरक्षित विश्व के लिए साथ मिलकर काम करने का संकल्प व्यक्त करने के बाद भारत और अमेरिका ने महत्त्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अपने सुरक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए अहम गठजोड़ की घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को ‘भरोसे की साझेदारी’ बताया तथा दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रक्षा एवं आर्थिक संपर्कों को और गहरा बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। एक महत्त्वपूर्ण कदम के तहत भारत और अमेरिका ने दीर्घकालिक टीका कार्रवाई कार्यक्रम (वीएपी) को वर्ष 2027 तक बढ़ा दिया। वहीं, व्हाइट हाऊस ने ‘संयुक्त सैन्य बल-बहरीन’ में सहयोगी देश के रूप में भारत के शामिल होने की घोषणा की।
टोक्यो में दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने महत्त्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों पर भारत-अमेरिकी पहल (आईसीईटी) की शुरुआत की जो कृत्रिम बुद्धिमता, क्वांटम कंप्यूटिंग, 5जी, 6जी, बायोटेक, अंतरिक्ष और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में परिणामोन्मुखी सहयोग को सुगम बनाने के लिए है। मंत्रालय ने कहा कि भारत और अमेरिका ने दीर्घकालिक टीका कार्रवाई कार्यक्रम (वीएपी) को वर्ष 2027 तक बढ़ाया है जो संयुक्त जैव चिकित्सा शोध को जारी रखने के लिए है। इसका परिणाम टीके के विकास और संबंधित प्रौद्योगिकी के रूप में सामने आया है।
क्वाड शिखर सम्मेलन से इतर हुई इस बैठक में मोदी ने अमेरिकी उद्योगों को भारत में ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ कार्यक्रम के तहत रक्षा क्षेत्र में भारत में निर्माण के लिए आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडन से कहा, ‘भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक गठजोड़ सही मायने में भरोसे की एक साझेदारी है तथा यह मित्रता वैश्विक शांति एवं स्थिरता के लिए अच्छाई की ताकत के रूप में जारी रहेगी।’ उन्होंने कहा, ‘रक्षा एवं अन्य मामलों में हमारे साझा हितों और हमारे साझा मूल्यों ने विश्वास के हमारे बंधन को मजबूत किया है।’ बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में राष्ट्रपति बाइडन के साथ अपनी बैठक को ‘सार्थक’ बताया । मोदी ने कहा, ‘अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ सार्थक बैठक हुई। हमने कारोबार, निवेश, रक्षा, लोगों के बीच संपर्क सहित भारत-अमेरिका संबंधों के विविध आयामों पर आज व्यापक चर्चा की।’ वहीं, व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार, बाइडन ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के ‘अनुचित युद्ध’ की निंदा की। उन्होंने कहा कि नेताओं ने इस बात पर चर्चा की कि युद्ध के कारण पैदा हुई बाधाओं, खास तौर पर ऊर्जा एवं खाद्यान्न की कीमतों में वृद्धि की समस्या को दूर करने के लिए कैसे सहयोग किया जाए। इसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं ने ‘महत्त्वपूर्ण रक्षा गठजोड़’ को गहरा बनाने, दोनों देशों के फायदे के लिए आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहित करने तथा वैश्विक स्वास्थ्य गठजोड़, महामारी को लेकर तैयारी और महत्त्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में साझेदारी को विस्तार देने को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त की ।
बयान के अनुसार, दोनों नेता भारत के उचित ऊर्जा बदलाव की दिशा में उठाए गए कदमों को गति देने और नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल, उद्योगों को कार्बन मुक्त बनाने, वाहनों से शून्य उत्सर्जन एवं संबंधित निवेश जुटाने के लिए गठजोड़ मजबूत करने को लेकर आशान्वित दिखे। इस कदमों में ‘अमेरिका-भारत जलवायु एवं स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030’ शामिल है। व्हाइट हाउस ने कहा, ‘राष्ट्रपति बाइडन ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के अनुचित युद्ध की निंदा की। नेताओं ने मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की और इस बात पर चर्चा की कि यूक्रेन में युद्ध के कारण पैदा हुई बाधाओं को दूर करने के लिए और खास तौर पर ऊर्जा एवं खाद्यान्न की कीमतों में वृद्धि से अपने नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने में कैसे सहयोग किया जाए।’
व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने महत्त्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी पर अमेरिका-भारत पहल (आईसीईटी) की शुरुआत का स्वागत किया। इसे दोनों देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषदों द्वारा संचालित किया जा रहा है ताकि महत्त्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी को लेकर गठजोड़ को विस्तार दिया जा सके। इसमें कहा गया है कि अमेरिका की 2022 में कृत्रिम बुद्धिमता, डेटा विज्ञान, कृषि, स्वास्थ्य एवं जलवायु जैसे क्षेत्रों में कम से कम 25 संयुक्त शोध परियोजनाओं को समर्थन देने के लिए भारत के छह नवोन्मेष केंद्र से जुडऩे की योजना है। दोनों पक्षों ने आर्थिक सुरक्षा एवं मानवीय संकट को लेकर प्रतिक्रिया में नौवहन क्षेत्र की बुनियादी भूमिका को रेखांकित किया।    

मोदी ने अमेरिकी कंपनियों को न्योता दिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अमेरिकी कंपनियों को ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ कार्यक्रमों के तहत रक्षा क्षेत्र में काम करने के लिए आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने टोक्यो में क्वाड शिखर सम्मेलन के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ हुई वार्ता के दौरान अमेरिकी कंपनियों को यह निमंत्रण दिया। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन के बीच हुई वार्ता में भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी पर बात हुई। वार्ता के दौरान मुख्य रूप से मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रमों के तहत अमेरिकी कंपनियों द्वारा भारत में रक्षा क्षेत्र में काम करने पर चर्चा हुई।’ क्वात्रा से पूछा गया कि क्या बाइडन ने 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर के सहायता पैकेज की पेशकश की है तो उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी कंपनियों को भारत आकर मेक इन इंडिया और आत्मानिर्भर कार्यक्रमों के तहत काम करने का निमंत्रण दिया है। उन्होंने भारत में रक्षा क्षेत्र में निर्माण पर जोर दिया है।’

मोदी ने की जापान के प्रधानमंत्री से चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों पर सार्थक चर्चा की तथा रक्षा विनिर्माण, कारोबार एवं निवेश तथा साझा हितों को बढ़ावा देने के लिए लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। मोदी और किशिदा ने क्वाड शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय बैठक की। इससे पहले दोनों नेताओं ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस के साथ क्वाड शिखर बैठक में हिस्सा लिया। बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘ प्रधानमंत्री किशिदा के साथ शानदार बैठक हुई। इस बैठक में मुझे भारत और जापान संबंधों के संपूर्ण आयामों की समीक्षा करने का अवसर मिला।’ उन्होंने कहा, ‘हमारा सहयोग तेजी से बढ़ रहा है और यह हमारे देशों के लोगों के लिए शुभ संकेत है।’  
 
ऑस्ट्रेलिया के साथ हुई सार्थक’ चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्वाड शिखर सम्मेलन से इतर ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ मंगलवार को ‘सार्थक’ चर्चा की । दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में अपने ठोस बहुआयामी द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों की समीक्षा की तथा इसे और प्रगाढ़ करने के रास्तों पर चर्चा की। लेबर पार्टी के नेता ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के एक दिन बाद ही शिखर बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत की व्यापक रणनीतिक साझेदारी मजबूत है और इसका लाभ न केवल हमारे देशों को है, बल्कि पूरी दुनिया को है।’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री अल्बनीज से मुलाकात करके और द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करके प्रसन्न हूं। हमने महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में इसे गति प्रदान करने के रास्तों के बारे में चर्चा की।’

First Published - May 25, 2022 | 12:30 AM IST

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